ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के दिव्यांग सेवा प्रभाग माउंट आबू के द्वारा समाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण संचालनालय मध्यप्रदेश के सहयोग से ग्वालियर पहुंचे अभियान के दूसरे दिन ब्रह्माकुमारीज प्रभु उपहार भवन माधौगंज केंद्र सभी अभियान यात्रियों का स्वागत अभिनन्दन हुआ तत्पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित जन समूह को बीके आदर्श दीदी ने दिव्यांग भाई बहनों के प्रति समानता रखने और उन्हें आगे बढाने की बात कही |
इसके साथ ही अभियान झाँसी रोड स्थित माधव द्रष्टि बाधित आश्रम (माधव अंधाश्रम) पहुंचा | वहां पर बच्चो के लिए कार्यक्रम आयोजित हुआ|
दिव्यांगों के भीतर एक अद्भुत क्षमता होती है। वे अपनी आत्मशक्ति के बल पर जो चाहते हैं वो कर लेते हैं क्योंकि उनकी शारीरिक क्षमता भले ही कमजोर हो, लेकिन बौद्धिक क्षमता अधिक होने से वो ऐसे कार्य भी कर लेते हैं, जो आमतौर पर अकल्पनीय माने जाते हैं। यह विचार भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशीष प्रताप सिंह ने माधव दृष्टि बाधित आश्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने अरुणिा सिन्हा का उद्हारण देते हुए कहा कि दिव्यांग होते हुए भी उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर दिखा दिया कि वो किसी से कम नहीं हैं। इस मौके पर भोपाल से आए दीपेंद्र भाई प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने कहा कि दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं साहस चाहिए। हमें उनके हुनर को प्लेटफॉर्म देना होगा। आगे का रास्ता वे खुद तय कर लेंगे। समाज इनके साथ समानता का व्यवहार करे जिससे इनकी प्रतिभा में निखार हो।
भोपाल से आए दीपेंद्र भाई ने कहा कि दिव्यांगों के शरीर में कमी हो सकती है, लेकिन हर शरीर में एक आत्मा है और आत्मा कभी विकलांग नहीं होती है।
राजयोग मेडिटेशन कराते हुए ब्रह्माकुमारी किरन दीदी ने कहा कि हमें यह अहसास होना चाहिए कि मैं सर्वशक्तिमान परमात्मा की संतान आत्मा हूं। मेरे अन्दर अनंत शक्तियां है, मैं सब कुछ कर सकता हूं। उन्होंने सूरदास का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने भगवान से प्रार्थना की थी कि मुझे ऐसे नेत्र नहीं चाहिए, जिससे मैं दुनिया को देख सकूं। मुझे तो वो दिव्य चक्षु चाहिए जिनसे मैं अपने प्रभु को देख सकूं। इस मौके पर दृष्टि बाधित छात्रों को ब्रेललिपी की प्रदर्शनी दिखाई गई, जिससे वे अपने जीवन को बेहतर बना सकें और अधिक आत्मविश्वास पूर्वक जीवन जिए।
माधव दृष्टिबाधित स्कूल के प्राचार्य रामलाल केवट ने ब्रह्माकुमारी की टीम को इस ईश्वरीय कार्य के लिए साधुवाद देते हुए कहा कि शरीर के भोजन से ज्यादा आत्मा का भोजन अहम होता है और ब्रह्माकुमारी बहिनें देशभर में समाज को आत्मा का भोजन परोस रही हैं। स्कूल से शशिकांत द्ववेदी भी मौजूद रहे।
अंत में बच्चों को मूल्य आधारित गेम खिलाए गए एवं विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए, साथ ही ब्रह्माकुमारी संस्थान की ओर से ब्रेललिपी की पुस्तक शिवसंदेश भेंट की। अंत में प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम पूरा हुआ।
शाम को मालनपुर ब्रह्माकुमारी केंद्र में हुआ का समापन
18 दिनों से म. प्र. के बिभिन्न जिलों में आयोजित दिव्यांग समानता सरंक्षण और सशक्तिकरण अमियान का भोपाल जोन की हैड राजयोगिनी बीके अवधेश दीदी की मौजूदगी में समापन हुआ। इस मौके पर इंगलिश चैनल पार करने वाले विक्रम अवार्ड विजेता सतेंद्र सिंह लोहिया प्रमुख रूप से मौजूद रहे। जिसमें उनका सम्मान किया गया| इसके साथ काउंसलर अंशुमन शर्मा, समाजसेवी राजकुमार जोशी, बीके ज्योति सहित
अभियान में शामिल वक्ताओं में बीके आशीष, बीके संगीता बीके मोनिका, बीके भावना, बीके जगदीश, बीके जय, सागर से बीके कल्पना, बीके प्रांशु, विदिशा की बीके नंदनी, बीके प्रहलाद, बीके विजेंद्र उपस्थित रहे।