दिल्ली । सीईओ राजेश गोपीनाथन ने 22 साल बाद टीसीएल से रुखसत ले ली है। हालांकि 22 साल तक किसी एक कंपनी में काम करने के बाद वो घर जैसा ही लगने लगता है। ऐसा ही कुछ देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन के साथ भी हुआ है। जिस कंपनी मे 22 साल तक नौकरी की, जहां काम करते हुए कंपनी के सीईओ बने उसे छोड़ने पर भावुक होना लाजिमी है। राजेश गोपीनाथन ने 31 मई को टीसीएस छोड़ने से पहले कर्मचारियों के नाम एक इमोशनल ईमेल लिखा है। उन्होंने अपने 22 सालों के सफर से लेकर आने वाले दिनों की कहानी बयां की। 29 मई को उन्होंने ईमेल के जरिए कर्मचारियों के लिए एक पोस्ट लिखा। उन्होंने अपने किए वादे, कंपनी की ग्रोथ और आने वाले दिनों के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने अनुभव को याद करते हुए लिखा कि टाटा के साथ मेरा दो दशक का साथ रहा है। अब ये खत्म होने जा रहा है। मैं 31 मई को सीईओ और एमडी के पद से हट जाऊंगा। जिस कुर्सी पर छह सालों तक बैठकर कंपनी का नेतृत्व किया, मुझे उसपर गर्व है। हमने एक साथ कई बदलाव देखें। नई ऊंचाईयों को हासिल किया। अब 22 साल बाद वो इस कंपनी को छोड़ रहे हैं।
उन्होंने लिखा कि मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में कंपनी के लिए सबसे अच्छे दिन आने वाले हैं। मैं कृति को शुभकामनाएं देता हूं क्योंकि अब वो टीसीएस की कमान संभालेंगे। वो इस कंपनी की वैल्यूएशन को 50 अरब डॉलर तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि कृति के साथ टीसीएस के सबसे अच्छे साल आगे आने वाले हैं। उन्होंने लिखा कि टीसीएस देश की दिग्गज कंपनी है। हमने नई ऊंचाईयों को छुआ है।
गौरतलब है कि 1 जून से कृतिवासन टीसीएस के सीईओ का पद संभालेंगे। इसी साल मार्च में गोपीनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल साल 2027 में खत्म होने वाला था। गोपीनाथन के इस्तीफे की खबर से सबको हैरान कर दिया था। राजेश गोपीनाथन टीसीएस के बॉस के तौर पर सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ की लिस्ट में पांचवे नंबर पर रहे। टीसीएस सीईओ के तौर पर उनकी सैलरी 25.75 करोड़ रुपये थी। साल 2021-22 में उनकी सैलरी में 26.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। साल 2013 से वो टीसीएस के सीईओ की कमान संभाल रहे थे। टाटा के साथ उनके करियर की शुरुआत साल 2001 में हुई। आईआईएम अहमदाबाद से मैनेजमेंट और आरईसी त्रिचुरापल्ली से इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।