दिल्ली।मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राहुल की सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष का पक्ष वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा। उन्होंने कहा कि शिकायकर्ता पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम मोदी नहीं है। उन्होंने बाद में यह उपनाम अपनाया। कांग्रेस नेता ने अपने भाषण के दौरान जिन लोगों का नाम लिया। उनमें से एक ने भी मुकदमा नहीं किया। इस समुदाय से सिर्फ बीजेपी के पदाधिकारी मुकदमा कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की 2 साल की सजा पर रोक लगा दी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि भाषण देते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए, उम्मीद है वे आगे ध्यान रखेंगे
इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में अधिकतम सजा क्यों? कहा- उन्हें कम सजा भी दी जा सकती थी। वे डिसक्वालिफाई नहीं होते। सजा 1 साल 11 महीने हो सकती थी।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट में 3 घंटे बहस चली। राहुल के वकील ने कहा कि मानहानि का केस करने वाले पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं उन्होंने अपना सरनेम बदला है।
राहुल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें दीं। उन्होंने कहा- शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का असली सरनेम मोदी नहीं है। उन्होंने ये सरनेम बाद में अपनाया है।
भाषणों में गांधी नाम लिए जाने पर किसी एक भी आदमी ने केस नहीं किया। 13 करोड़ लोगों की यह छोटी सी मोदी कम्युनिटी है। इसमें कोई एकरूपता नहीं है। इनमें जो लोग राहुल के बयान पर खफा हैं और केस कर रहे हैं, वो भाजपा दफ्तर में हैं। आश्चर्य की बात है।
राहुल केस की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई, पीएस नरसिम्हा और संजय कुमार की बेंच ने की। गुजरात हाईकोर्ट ने मानहानि केस में राहुल की 2 साल की सजा पर रोक से इनकार कर दिया था।
सुनवाई शुरू होने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी से कहा- आपको सजा पर रोक के लिए इस केस को खास साबित करना होगा, वरना आमतौर पर तो रूलिंग ही लागू होती है।
राहुल गांधी के वकील सिंघवी की दलील
वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जज इसे नैतिक अधमता से जुड़ा अपराध मानते हैं। यह गैर-संज्ञेय और जमानत अपराध है। मामले में कोई अपहरण, रेप या मर्डर नहीं किया गया है। यह नैतिक अधमता से जुड़ा अपराध कैसे बन सकता है। उन्होंने कहा, ’लोकतंत्र में हम असहमति रखते हैं। राहुल गांधी कट्टर अपराधी नहीं है। राहुल पहले ही संसद के दो सत्रों से दूर रह चुके हैं।’
पूर्णेश मोदी के वकील की दलील
शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि पूरा भाषण 50 मिनट से अधिक समय का था। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भाषण के ढेर सारे सबूत और क्लिपिं संलग्न है। जेठमलानी ने कहा, राहुल गांधी ने द्वेषवश एक वर्ग को बदनाम किया है।