दिल्ली । 2019 में मोदी सरनेम को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर गुजरात हाईकोर्ट द्वारा दी गई दो वर्ष के कारावास और आठ साल तक चुनाव न लड़ने की सज़ा के खिलाफ काँग्रेस के नेता राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। उनके अभिभाषकों ने इस सम्बंध में अपनी अपील याचिका आज सुप्रीम कोर्ट में दायर कर दी गई।
क्या कहा था राहुल गांधी ने
गांधी ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में आयोजित एक जनसभा में कहा था कि एक छोटा सा सवाल है ,इन सब चोरों के नाम मोदी मोदी क्यों हैं ? नीरव मोदी,ललित मोदी ,नरेंद्र मोदी ..और थोड़ा ढूंढोगे तो और बहुत सारे मोदी मिलेंगे।
बीजेपी विधायक ने दर्ज कराया था केस
इस मामले में गुजरात से बीजेपी एमएलए पूर्णेन्दु मोदी ने कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज कराया था। इस मामले में सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को फैसला सुनाया जिसमे उन्हें दो वर्ष की सज़ा और आठ साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया था।
अगले ही दिन रद्द कर दी गई संसद की सदस्यता
इसके अगले ही दिन यानी 24 मार्च को ही लोकसभा अध्यक्ष ने संसद से उनकी सदस्यता रद्द कर दी जबकि उन्हें इस मामले में तत्काल जमानत मिल गयी थी । राहुल गांधी केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से सांसद थे।
हाईकोर्ट ने नही दिया रिलीफ
इस मामले पर राहुल की तरफ से उनके अभिभाषकों ने गुजरात उच्च न्यायालय में सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर इसे स्थगित करने की अपील की गई थी लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी अपील याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि राहुल के खिलाफ कम से कम दस और केस पेंडिंग है। सूरत कोर्ट के फैसले में दखल देने की कोई जरूरत नही हैं । इसके बाद कांग्रेस ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कही थी । इसी तारतम्य में यह अपील पेश की गई है।
अब राहुल के पास बचाव का आखिरी रास्ता
अब राहुल गांधी के पास बचाव का यह आखिरी रास्ता बचा है । अगर सुप्रीम कोर्ट राहुल को सूरत कोर्ट द्वारा सुनाई गई सज़ा पर रोक लगा देता है तो उनकी सांसदी बहाल हो सकती है। लेकिन अगर ऐसा नही हुआ तो पूर्व का फैसला बहाल रहेगा और 8 वर्ष तक राहुल कोई चुनाव नही लड़ सकेंगे।
पूर्णेन्दु ने लगाई केवियट
इस केस के फरियादी पूर्णेन्दु मोदी ने अपील से पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर केवियट दाखिल कर दी है कि राहुल की अपील पर फैसला देने के पहले उन्हें भी सुना जाए