ग्वालियर । आगामी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले प्रदेश के ऊर्जामंत्री और ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर को एक बड़ी राहत मिल गयी है। उनके विरुद्ध दर्ज एक आपराधिक प्रकरण में पुलिस ने केस खत्म करने के लिए कोर्ट में खात्मा रिपोर्ट (एफआर)पेश कर दी है । तोमर के खिलाफ पुलिस ने 2020 में कोविड काल मे कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था जो एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है।
जानें क्या है पूरा मामला
तोमर पर आरोप है कि उन्होंने 2020 में हुए विधानसभा उप चुनाव के दौरान ऊर कोविड संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए बनाये गए प्रोटोकाल में लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए हजीरा थाना क्षेत्र में श्रीकृष्ण नगर , राठौर चौक , विजय नगर और टॉवर वाली गली आदि क्षेत्रों में बीजेपी के पक्ष में जनसंपर्क करते हुए वोट मांगे थे जिसमें उनके साथ पांच से अधिक लोग भी थे जो कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन है । मामला मीडिया में उछलने के बाद पुलिस ने इस संबंध थाना हजीरा में भारतीय दंड विधान की धारा 269, 188, और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 15 ख के तहत दिनांक 4 अक्टूबर 2020 को आपराधिक केस दर्ज किया था।
एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा था केस
इस मामले में केस ग्वालियर के विशेष एमएलए – एमपी कोर्ट में विचाराधीन है जिसमें पुलिस ने खात्मा रिपोर्ट पेश कर दी । इसमें पुलिस ने कोर्ट को बताया कि पुलिस द्वारा इस मामले का अनुसंधान किया गया। जांच के दौरान पुलिस को जांच के दौरान अभी तक ऐसे साक्ष्य नही मिले हैं जिनसे चालान की कार्यवाही की जा सके इसलिए वह केस में खात्मा रिपोर्ट पेश कर रहे हैं जिसे स्वीकार कर लिया जाए।
सज़ा होने पर हो सकती थी ये दिक्कत
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पुलिस इस मामले में चालान पेश कर देती और आरोप सिद्ध होने पर दो वर्ष या इससे ज्यादा की सज़ा हो जाती तो ऊर्जामंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर पर सियासी संकट बढ सकता था क्योंकि इससे वर्तमान विधायक पद की सदस्यता रद्द होने के साथ ही आगामी चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध हो सकता था लेकिन पुलिस द्वारा मामले में खात्मा रिपोर्ट लगने से उन्हें बड़ी राहत मिल गई है।