ग्वालियर। शहर की सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशुओं के कारण शहर की एक महिला को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है सड़क चलते गाय द्वारा किए गए हमले में घायल हुई इस महिला को इलाज के लिए अस्पताल में कराया गया था भर्ती जहां 17 दिन चले इलाज के बाद महिला की अस्पताल में मौत हो गई जिसके बाद पुलिस ने मृतक महिला के शव को पीएम हाउस पहुंचा कर मर्ग कायम कर लिया है तो वही एकाएक परिवार के अच्छे भले सदस्य के दुनिया से विदा होने पर परिवार पर दुखों का पहाड़ भी टूट गया है.
ग्वालियर के हजीरा थाना क्षेत्र के चार शहर का नाका गणेश कॉलोनी में रहने वाली 58 वर्षीय महिला मिथिलेश सिंह विगत 28 जुलाई को अपने छोटे बेटे के साथ चार शहर का नाका इलाका में बाजार में खरीदारी करने के लिए निकली थी इसी दौरान अचानक से एक गाय ने उन पर हमला कर दिया और उनके पेट और पीठ में सींग से कई बार किए जिसमें मिथिलेश सिंह गंभीर रूप से घायल हो गई थी और उन्हें हजार बिस्तर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पिछले 17 दिनों में दो से तीन बार उनका क्रिटिकल ऑपरेशन भी हुआ लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई और तड़के उन्होंने दम तोड़ दिया जिसके बाद उनके शव को मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया गया और पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है. मृतक महिला के परिजनों का कहना है कि इस घटना के बाद उन्होंने नगर निगम के जेड ओ और अन्य अधिकारियों को भी पूरे मामले से अवगत कराया था लेकिन निगम अधिकारियों ने एक बार भी घायल महिला की सुध नहीं ली. और आखिरकार इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया है महिला के पति रेलवे में सर्विस करते थे और उनका पहले ही इंतकाल हो चुका है ऐसे में महिला और उनके पुत्र रेलवे से मिलने वाली पेंशन पर निर्भर था और अब मां के चले जाने से बेटे पर एकाएक विपत्तियों का पहाड़ टूट गया है. महिला की मौत की सूचना पर मौके पर पहुंची हजीरा थाना पुलिस ने फिलहाल मर्ग कायम कर लिया है और महिला के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।
दिखावे के लिए कुछ दिन चलती है निगम की आवारा पशुओं को पकड़ने की मुहिम
शहर में आवारा पशुओं द्वारा आए दिन लोगों को सड़क चलते गंभीर रूप से घायल किया जाता है लेकिन ग्वालियर नगर निगम प्रशासन द्वारा इन आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए गंभीरता पूर्वक कार्य नहीं किया जाता है शहर में जब कोई घटना दुर्घटना होती है तो दिखावे के लिए कुछ दिन जरूर सड़क पर मुहिम चलती है लेकिन ना तो अभी तक शहर की सड़कों से आवारा पशु हट पाए हैं और ना ही इन्हें रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए हैं.