ग्वालियर । रक्षाबंधन का त्योहार पूरे देश मे उत्साह और परंपरागत ढंग से मनाया गया। बहनों द्वारा अपने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा जा रहा है । इस दौरान ग्वालियर के सेंट्रल जेल में बन्द अपने भाइयों की कलाई सूनी न रहे इसलिए यहां उनकी बहनों की भीड़ उमड़ी । माना जा रहा है कि यहां लगभग बीस हजार बहने अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंची। इसमें सभी धर्मों की बहन शामिल है।
सरकार के खास निर्देश
रक्षाबंधन को बहनों द्वारा अपने बंदी भाइयों की कलाई में राखी बांधी जा सके इसके लिए राज्य शासन ने जेल प्रशासन को खास निर्देश दिए थे जिसमें बहनों को जेल में अंदर जाकर राखी बांधने की इजाजत दी गई है। जेल प्रशासन का कहना है कि जेल में बाहर से मिठाई या अन्य सामान ले जाने की इजाज़त सुरक्षा कारणों से नही दी गई है लेकिन वे जेल की कैंटीन से पैसे देकर मिठाई खरीद सकतीं हैं । यहां काफी मिठाई बनाई गई है । जिनके पास पैसे नही भी उनको भी मिठाई जन सहयोग से दी जा रही है ।
देर रात से ही बहनों ने डाल लिया था डेरा
अपने भाई से मिलकर उंसकी कलाई पर अपने हाथ से राखी बांधने के लिए बहने इतनी उत्सुक और बेताब थी कि उन्होंने देर रात से ही जेल परिसर के बाहर आकर सड़क पर डेरा डाल लिया था। जेल अधीक्षक ने बताया कि मिलाई की शुरुआत जेल मैन्युअल के अनुसार सुबह 8 बजे से शुरू हुई लेकिन बहनों ने मिलाई के लिए तड़के चार बजे से ही लाइन लगा ली थी। सुबह आठ बजे से मिलाई का सिलसिला लागातार चल रहा है जो सूर्यास्त के पहले तक जारी रहा।
आपस में मिलकर भाई और बहने हुए भावुक
जेल में मिलाई के दृश्य बहुत ही भावुक है । बहन – भाई आमने सामने आने पर एकदम भावुक हो गए । दोनो की आंखों में आंसू छलछला रहे है लेकिन दोनो इन्हें छुपाने और हंसकर अभिवादन करने की कोशिश करते नजर आए । बहन यह अवसर मिलने पर बहुत खुश नजर आईं । मुरेना से आई ज्ञानवती शर्मा बोली – भाई की कलाई पर राखी बांधकर बहुत अच्छा लगा। इससे पहले वे होली की दौज पर यहां टीका करने आई थी। निरावली से पहुंची आरती ने छह माह बाद अपने भाई की सूरत देखी और राखी बांधी । भाई से मिलने की खुशी उंसके चेहरे पर भी दिखने लगी। शहर के गोलपहाडिया से पहुंची शांति भी राखी बांधकर खुश है। उन्होंने बताया कि उनका भाई 9 माह से जेल में बन्द है । वह बहुत समय से रक्षा बंधन का इंतज़ार कर रही थी कि भाई से मिलकर राखी बांध सके और आज उंसकी मन्नत पूरी हुई तो बड़ा अच्छा लगा ।
मुस्लिम नगमा भी ने बांधी राखी
रक्षा बंधन भाई और बहनों के प्रेम का त्योहार है इसमें धर्म के बंधन भी तोड़ते हुए सैकड़ो मुस्लिम बहने भी अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंचीं। मुरैना के बामौर से नगमा भी इनमे शामिल थी । उन्होंने बताया कि उनके भाई जेल में है और बीमार है और जेल के हॉस्पीटल में भर्ती हैं । नगमा अपनी भाभी के साथ जेल पहुंची । उन्होंने लंबे समय बाद अपने भाई से मुलाकात को और उनको राखी बांधी । वे बोली बहुत अच्छा लगा लेकिन बात करते करते वे भावुक हो गईं ।