
ग्वालियर। रक्षाबंधन के पावन मौके पर जहां बहनों द्वारा भाइयों की सुख समृद्धि और लंबी उम्र के लिए उनकी कलाई पर राखी बांधी जा रही है तो वहीं ग्वालियर में इस बार रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर इको फ्रेंडली और पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देती हुई राखियां भी देखने को मिलेगी और रक्षाबंधन पर भाई अपनी बहन के नाम पर इसी राखी से पौधा रोपण भी कर सकेंगे.

भाई की रक्षा करने के लिए और पर्यावरण बचाने के लिए यह बीज़ वाली राखियां बनाई गई है ग्वालियर के राम मंदिर स्थित मोना आर्ट्स पर यह राखियां देखने को मिल रही है पर्यावरण एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता मोना शर्मा ने बताया कि इन राखियों से हम अपने घर वा गार्डन को सुंदर रूप दे सकते हैं जिसके लिए इनमें भिंडी लौकी तोरई टिंडे करेला एवं अन्य बीजों का इस्तेमाल किया गया है और फलों वाली राखियां भी बनाई गई है.

मोना शर्मा बताती हैं कि इन राखियों को बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है कि हम पर्यावरण को बचा सकें, क्योंकि आर्टिफिशियल राखियां जो भाइयों की कलाई पर बांधी जाती हैं और कुछ दिन बाद वह राखियां वेस्ट हो जाती हैं इन रियो को बनाने के पीछे यही उद्देश्य है इन राखियों की मदद से आप पर्यावरण को बचा सकते हैं और अपने अपने भाई की कलाई पर जो राखी बांधी है उसे राखी में मौजूद बीज़ को एक पौधे का रूप दे सकते हैं.

इन राखियों में अलग-अलग सब्जियों और फलों के बीजों का उपयोग किया गया है जिनको आप अपने घरों में लगाकर पर्यावरण तो बचाएंगे ही प्रदूषण को कम भी किया जा सकेगा इसी उद्देश्य से इन राखियों का मैंने निर्माण किया है और मुझे अच्छा रिस्पांस भी मिला है।