ग्वालियर । ग्वालियर के फूलबाग स्थित प्राचीन और रियासत कालीन गोपाल मंदिर में जन्मोत्सव इस वर्ष भी बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाएगा और गोपाल मंदिर में विराजमान भगवान श्रीकृष्ण व राधाजी का श्रृंगार हीरे, माणिक व पन्ने जड़ित सवा सौ करोड़ से अधिक के एंटीक गहनों से किया जाएगा। गहने सुबह 10 बजे सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के लाकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिये गोपाल मंदिर लाये जायेंगे। श्रृंगार के बाद भक्तों के दर्शनों के लिये मंदिर के पट खोल दिये जायेंगे।

102 साल पहले स्थापित हुई थी प्रतिमा
ग्वालियर के सिंधिया रियासत कालीन 100 वर्ष से ज्यादा प्राचीन गोपाल मंदिर पर हर वर्ष जन्माष्टमी महापर्व पर राधा रानी और भगवान गोपाल कृष्ण का बेस कीमती सवा सौ करोड़ से अधिक कीमत के जेवरातों से श्रृंगार किया जाता है. जिसके लिए एक रोज पूर्व ही मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था चौकस करने के साथ ही मंदिर की साज सज्जा का काम शुरू कर दिया गया पूरे मंदिर को जहां सीसीटीवी कैमरा की निगरानी में लिया गया है तो वही देर रात के बाद ही मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में दो से ढाई सैकड़ा पुलिस जवान लगा दिए जाएंगे मंदिर के पुजारी के अनुसार 100 से अधिक वर्ष पुराने इस मंदिर में सिंधिया राज परिवार के लोगों द्वारा भगवान के श्रृंगार के लिए दिए गए देश कीमती जेवरातों को जन्माष्टमी पर्व पर जिला कोषालय से निकलकर मंदिर में लाया जाता है और फिर इन जेवरातों से भगवान का श्रृंगार होता है. इस गोपाल मंदिर की स्थापना करीब 102 साल पहले सिंधिया घराने ने ही कराई थी। यह बेशकीमती रत्न जड़े गहने भी सिंधिया घराने की देन हैं। जब राधा-कृष्ण इन गहनों को पहनते हैं तो उनकी सज्जा सभी को मोहित कर देने वाली होती है।

माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी मंदिर की स्थापना
गोपाल मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। उन्होंने भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और पहनाने के लिए रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे। इनमें राधा-कृष्ण के 55 पन्ना जड़ित सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी जिस पर हीरे और मालिक लगे हैं, सोने की नथ, जंजीर और चांदी के पूजा के बर्तन हैं। हर साल जन्माष्टमी पर इन जेवरातों से राधा-कृष्ण का शृंगार किया जाता है। इस स्वरूप को देखने के लिए भक्त सालभर का इंतजार करते हैं। यही वजह है कि भक्तों का दर्शन के लिए तांता लगा रहता है।

पन्ना हीरे और मानिक से जड़े हुए हैं जेवरात
गोपाल मंदिर में भगवान के जो जेवरात हैं उनमें सोना-चांदी के जेवरात में माता राधा के सात लड़ी के हार में पन्ना, हीरे और माणिक जड़े हुए हैं। राधा-कृष्ण के मुकुट में हीरे के साथ ही पदम, पन्ना जड़े हैं। कृष्ण की बांसूरी सोने की है और उस पर भी हीरे लगे हैं। राधा-कृष्ण के हार में बेशकीमती नीलम, पुखराज, पन्ना, माणिक लगे हैं। पूरे गहने सोने के हैं और उनमें हीरे, मोती, पन्ना, माणिक, नीलम, पुखराज लगे हैं.