ग्वालियर। स्वर्णरेखा बचाओ आंदोलन चलने वाले एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया ने आरोप लगाया है कि स्वर्ण रेखा नदी पिटीशन को कुछ अधिकारियों द्वारा लाभ का जरिया बनाया जा रहा है स्वर्णरेखा नदी के लिए माननीय न्यायालय ने कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को डांट लगाई है और इस नदी के विकास से संबंधित अपनी चिंता भी जाहिर की है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी जवाब पेश करने की आड़ में रिपोर्ट बनाने के नाम पर 74 करोड रुपए की भ्रष्टाचार की योजना बना रहे हैं।
पेड़ लगाने के नाम पर करोड़ो हड़पने का प्लान बनाया
उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में वन विभाग ने पिटीशन और माननीय न्यायालय के 22 फरवरी 2023 के आदेश का हवाला देते हुए इंटरवेंशन तैयार किया है । उसमें कहा गया है कि ग्वालियर घाटीगांव के कैचमेंट एरिया में हजारों की तादात में पेड़ लगाए जाएंगे यह पेड़ विदेशी नस्ल के हैं जबकि पेड़ देसी नस्ल के भी लगाए जा सकते हैं और नगर निगम की पाठशाला वाले पेड़ भी लगाई जा सकते हैं इस पूरी योजना पर 74 करोड़ से ज्यादा खर्च करने की प्लानिंग वन विभाग ने की है और इस पिटीशन को लाभ का जरिया बनाने का काम किया जा रहा है.
पिटीशन स्वर्णरेखा को पक्का करने में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ थी
एडवोकेट विश्वजीत ने ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि हम ग्वालियर के लोगों के लिए पीने के पानी के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं और वह लड़ाई है कि स्वर्ण रेखा नदी के तल को पक्का करके जो भ्रष्टाचार किया गया उसे सवारने सुधारने के लिए हम माननीय न्यायालय के समक्ष गए इसमें 22 फरवरी 2023 को एक आदेश हुआ था जिसमें रोड मैप पेश करने को कहा गया था उसे आदेश के विहाफ पर वन विभाग ने इंटरवेंशन बनाया है जिसमें कहा गया है कि 74 करोड़ 84 लाख रुपए की ये है योजना बनाई है उसमें यह कह रहे हैं कि जो फॉरेस्ट एरिया हैं उसमें लिखा गया है कि फॉरेस्ट कैचमेंट प्लांट के तहत विदेशी नस्ल के पौधे लगाए जाएंगे। रतौनिया का सवाल है कि अब विदेशी नस्ल के पौधे क्यों लगाए जाएंगे ? क्या देसी नस्ल के पौधे काम नहीं कर सकते हैं ? क्या ग्वालियर नगर निगम की जो पौधशाला है वह पौधे काम नहीं कर सकते हैं ?
बात नदी के सुधार पर करनी थी
याचिकाकर्ता रतौनिया का कहना है कि नदी में एक्चुअल तौर पर सुधार करना है उस पर बात करनी थी स्वर्णरेखा नदी में पानी कैसे आएगा कैसे पानी का ठहराव होगा उसे पर बात होनी थी लेकिन नदी सुधार का प्लान ना बनाते हुए भ्रष्टाचार की योजना इन लोगों ने बनाई है और यह योजना सिर्फ और सिर्फ इस पिटीशन को लाभ का जरिया बनाने के लिए बनाई गई है. 7 महीने बाद आदेश का हवाला देकर यह योजना बनाई गई है इसका मतलब यही है कि यह पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार करने जा रहे हैं गरीबों का पैसा बर्बाद करने जा रहे हैं और इसकी लिखित शिकायत माननीय जिलाधीश महोदय के समक्ष भी हमने प्रस्तुत की है लेकिन उसका अभी तक कोई जवाब सामने नहीं आया है जैसे ही हमें पता चला था कि इस योजना में भ्रष्टाचार हो सकता है हमने तुरंत इसकी शिकायत की और जनता के सामने यह मामला लेकर आए हैं और इस भ्रष्टाचार को रोकने का काम हम करेंगे शिकायत पर सुनवाई नहीं होती है तो हम माननीय न्यायालय की शरण भी लेंगे।