जबलपुर । केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, खजुराहो सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधायक और पूर्वमंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मानहानि मामले की सुनवाई विशेष अदालत (एमपी-एमएलए) में जारी रहेगी। इन भाजपा नेताओं ने अपने विरुद्ध दर्ज मानहानि के मामले को रद्द करने के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार नही किया । जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने इनकी याचिका खारिज कर दी।
इसलिए तन्खा ने दर्ज कराया है केस
कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने इन तीनों भाजपा नेताओं के खिलाफ आपराधिक अवमानना और 10 करोड़ रुपये की मानहानि का मामला दर्ज कराया है। विवेक तन्खा का आरोप है कि भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ मीडिया में अपमानजनक बयान दिए और सुप्रीम कोर्ट व उच्च न्यायालय की कार्यवाही को गलत तरीके से पेश किया। इस मामले में तन्खा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और हरजस छाबड़ा ने पैरवी की, जबकि भाजपा नेताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने पक्ष रखा था ।
आरक्षण को लेकर भाजपा नेताओं ने की थी बयानवाजी
इस मामले में विवेक तन्खा का कहना है कि उन्होंने यह मानहानि का मामला एक अधिवक्ता के रूप में दायर किया है, न कि नेता के रूप में। उनका आरोप है कि भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ झूठे और अपमानजनक बयान देकर उनकी प्रतिष्ठा और अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने पंचायत और निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी, जिसके बाद कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भाजपा नेताओं ने उन पर दोष मढ़ते हुए साजिश के तहत इसे गलत तरीके से जनता के सामने प्रस्तुत किया।निचली अदालत ने तीनों नेताओं को समन और वारंट जारी किए थे, जिससे वे हाईकोर्ट की शरण में गए। हाईकोर्ट ने पहले वारंट पर रोक लगाई थी, लेकिन मानहानि की याचिका को निरस्त करने की मांग अस्वीकार कर दी।