ग्वालियर। कोचिंग सेंटर से पढ़कर घर लौट रही छात्रा की तरह गोली मारकर की गई हत्या के बाद शहर गुस्से में है, हर जगह घटना की चर्चा है। इंटरनेट मीडिया पर तमाम पोस्ट बहु प्रसारित हो रही हैं, जिसमें लोग अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कोषाध्यक्ष अशोक सिंह सिकंदर कंपू स्थित छात्रा के निवास पर पहुंचे और परिवारजनों से बातचीत कर पूरी घटना की जानकारी ली । उन्होंने यहां मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि अगर समय पर पुलिस छात्रा की परेशानी सुन कार्रवाई करती तो आज अक्षया जीवित होती। जल्द ही अगर आरोपी नहीं पकड़े गए, तो शहर में सड़क पर उतरकर कांग्रेस पार्टी विरोध प्रदर्शन करेगी.
एसपी से भी मिलेंगे कांग्रेसी
कांग्रेस नेता अशोक सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि छात्रा के साथ जो घटना हुई है इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो परिवार जनों ने बताया है कि उन्होंने कई बार पुलिस से शिकायत की थी पुलिस अगर समय रहते कार्रवाई करती तो अपराधी घटना को अंजाम नहीं दे पाते कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल आज पुलिस अधिकारियों से भी चर्चा करेगा और इस घटना के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी।
पुलिस की लापरवाही उजागर
कोचिंग से लौट रही 17 वर्षीय छात्रा अक्षया की सरेराह गुंडे द्वारा गोली मारकर हत्या के मामले में सिस्टम का वह लापरवाह चेहरा सामने आया है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। छात्रा और सहेली के न सिर्फ परिवार ने बल्कि उन दोनों ने इस गुंडे से पीछा छुड़ाने के लिए हर वह कोशिश की जो कोई सभ्य समाज का परिवार कर सकता है लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। उल्टा गुंडे को पता चला तो उसने छात्रा पर फायरिंग कर दी जिससे सहेली की मौत हो गई। किरकिरी होने के बाद घटना के दूसरे दिन लापरवाही बरतने वाले थानेदार को निलंबित करने की खानापूर्ति की गई है। जबकि लापरवाह डीएसपी को बचा लिया गया है। लेकिन इस घटना ने ग्वालियर की पूरी कासनून व्यवस्था और भांजियों की सुरक्षा पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
7 दिन पहले भी आरोपी ने किया था छात्रा का पीछा
सात दिन पहले छात्रा जब कोचिंग के बाहर थी, तभी सुमित अपने साथियों के साथ उसे कोचिंग के बाहर फालो करता दिखा, फिर गुब्बारा फाटक के पास वह नजर आया। छात्रा अनहोनी की आशंका के चलते माधोगंज थाने पहुंची। माधवगंज थाने के सब इंस्पेक्टर प्रमोद शर्मा से मिली, लेकिन उसे देखते ही प्रमोद शर्मा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। अगर उस दौरान सुनवाई करते तो शायद यह घटना न होती।