जयपुर । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अपने हरियाणा (Haryana) समकक्ष मनोहर लाल खट्टर पर नूंह हिंसा पर असहयोग करने का आरोप लगाया। खटटर ने कहा था कि गहलोत सरकार को नूंह हिंसा में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिए। 31 जुलाई को नूंह में एक धार्मिक जुलूस के दौरान पथराव के बाद कई जगहों पर हिंसा भड़क गई और कारों में आग लगा दी गई। हरियाणा के सीएम ने गहलोत से बजरंग दल के नेता मोनू मानेसर (Monu Manesar) का नाम लिए बिना उन्हें गिरफ्तार करने का आग्रह किया था, जो कथित तौर पर नूंह हिंसा में शामिल है और राजस्थान से भाग गया है।
हालाँकि, यह अनुरोध सीएम गहलोत को पसंद नहीं आया। खट्टर के अनुरोध पर प्रतिक्रिया देकर गहलोत ने उन पर असहयोग का आरोप लगाया। सीएम गहलोत ने कहा, खट्टर मीडिया में बयान देते हैं कि वह राजस्थान पुलिस की हरसंभव मदद करने वाले हैं, लेकिन जब हमारी पुलिस नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार करने गई। हरियाणा पुलिस ने सहयोग नहीं किया। इतना ही नहीं, उन्होंने राजस्थान पुलिस के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस फरार आरोपियों को ढूंढने में राजस्थान पुलिस का सहयोग नहीं कर रही है। खट्टर हिंसा को रोकने में विफल रहे और अब लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इसतरह के बयान दे रहे हैं जो उचित नहीं है।
खट्टर ने कहा कि राज्य को बजरंग दल नेता मोनू मानेसर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। दावा किया जा रहा है कि मोनू मानेसर ने ही सोमवार की हिंसा के लिए लोगों को उकसाया था जिससे राज्य भर में सांप्रदायिक झड़पें हुईं और छह लोगों की जान चली गई। मोनू मानेसर पर खटटर ने कहा, मोनू मानेसर के खिलाफ राजस्थान में मामला दर्ज किया गया है। राजस्थान पुलिस उसकी तलाश कर रही है, हरियाणा सरकार इस मामले में राजस्थान पुलिस का सहयोग करेगी।