ग्वालियर। सोशल मीडिया पर तकरीबन हर रोज अपनी सरकार और बीजेपी को जनहित सेजुड़ी समस्याओं और पार्टी की रीति – नीति में आ रही गिरावट को लेकर आईना दिखाने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और व्यंग्यकार राज चड्ढा का निलंबन पार्टी की अनुशासन समिति ने समाप्त कर दिया। पार्टी के जिला अध्यक्ष और ग्वालियर व्यापार मेला विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सहित अनेक पदों पर रह चुके श्री चड्ढा को पार्टी ने ग्वालियर की ख़राब स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सोशल मीडिया पर की गयी तीखी टिप्पणियों को लेकर पार्टी ने निलंबित कर दिया था। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चड्ढा ने कहा – मुझे न निलंबन का नोटिस मिला और न मैंने उसे खत्म करनेकी कोई अर्जी दी। बाकी टी निलंबित करने वाले और बहाल करने वाले ही जानें।
सात साल पहले किया निलंबित
बीजेपी ने अपने इस बुजुर्ग वरिष्ठ नेता को सात वर्ष पूर्व निलंबित करने की घोषणा अखबारों में की थी। 2017 में राज चड्ढा ने मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार लचर स्वास्थ्य सेवाएं जैसे विषय अपनी फेसबुक वॉल पर उठाते हुए मुख्यमंत्री को लिखा था कि या तो इन्हे ठीक करिए या हम जैसे कार्यकर्ता को जो दीनदयाल जी के सपनों को पूरा करने के लिए अपना जीवन खपा चुके हैं बाहर कर दीजिए। इसके बाद श्री चड्डा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। हालाँकि चड्ढा का कहना है कि पार्टी ने न तो मुझे निलंबन के पहले कोई नोटिस दिया था और न निलंबन की सूचना। उन्होंने भी कभी इसे समाप्त करने के लिए पार्टी को न कोई अर्जी दी और न माफीनामा। मैं तो पार्टी के विरुद्ध कभी कुछ नहीं करता लेकिन अगर सरकार समाज के हित के खिलाफ काम करती है तो वह बात सरकार तक पहुंचाने का सदैव प्रयास करता हूँ।
सरकार पर लगातार साधते हैं निशाना
मूलतः व्यंग्यकार राज चड्ढा कभी स्वदेश अखबार में साँची कहों तो क्यों डरूं नाम से व्यंग्य कॉलम लिखते थे और वह काफी लोकप्रिय भी था। व्यंग्य पर उनकी एक चर्चित पुस्तक भी आ चुकी है। वे देश – प्रदेश की समसामयिक घटनाओं पर बेबाक टिप्पणियां करते हैं और उनके द्वारा पक्षियों के लिए शुरू किया गया दाना – पानी नामक अभियान न केवल देश बल्कि दुनियाभर में भी लोकप्रिय हुआ है। शहर में हरे वृक्षों को काटने से बचाने के लिए वे सदैव सक्रिय रहते हैं ख़ास बात ये कि जिस तरह की सोशल मीडिया पर पोस्ट के कारण वे बीजेपी से निलंबित किये गए वैसी पोस्ट वे निरंतर कर सरकार और प्रशासन पर लगातार कटाक्ष करते रहते हैं।