इंफाल । मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर जातीय हिंसा चल रही है। 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी। गुरुवार देर रात फिर हिंसा हुई। कुछ लोगों ने भाजपा सांसद और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के इंफाल स्थित घर में आग लगा दी। घटना के वक्त मंत्री केरल में थे। सिंह मैतेई समुदाय के हैं।
राजकुमार रंजन सिंह ने कहा, कल रात जो हुआ उसे देखकर बेहद दुख हुआ। मुझे बताया गया कि 50 से अधिक लोगों ने रात करीब 10 बजे मेरे घर पर हमला किया। सिंह ने कहा- मैं हिंसा की घटनाओं से हैरान हूं। मणिपुर में कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है।
पिछले 20 दिन में मणिपुर के मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमले का यह चौथा मामला है। इससे पहले 14 जून को इंफाल के लाम्फेल इलाके में उद्योग मंत्री नेमचा किपजेन के सरकारी बंगले में आग लगा दी गई थी। किपजेन उस समय घर पर नहीं थीं। 8 जून को भाजपा विधायक सोराईसाम केबी के घर आईईडी से हमला हुआ था। दो लोग बाइक से आए और उन्होंने खुले गेट के अंदर आईईडी बम फेंक दिया था। 28 मई को भी कांग्रेस विधायक रंजीत सिंह के घर पर हमला हुआ था। कुछ लोग सेरो गांव आए और उन्होंने विधायक रंजीत के घर में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी थी।
राहुल बोले- भाजपा की नफरत की राजनीति में जल रहा मणिपुर
मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया। राहुल ने लिखा- भाजपा की नफरत की राजनीति ने मणिपुर को 40 से अधिक दिनों तक हिंसा की आग में जलाए रखा है, जिसमें सौ से अधिक लोग मारे गए। पीएम पूरी तरह खामोश हैं। हिंसा खत्म करने और शांति बहाल करने के लिए राज्य में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए। आइए इस नफरत के बाजार को बंद करें और मणिपुर में हर दिल में मोहब्बत की दुकान खोलें।
पांच सौ से ज्यादा सिविल सोसाइटी ने बयान जारी किया
मणिपुर में जारी हिंसा पर वरिष्ठ वकिल प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर सिविल सोसाइटी का दो पन्नों का एक बयान पोस्ट किया। भूषण ने लिखा- हिंसा पर प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए और इसकी जवाबदेही लेनी चाहिए। कोर्ट की निगरानी में एक ट्रिब्यूनल बनाया जाना चाहिए जो हिंसा की घटना की जांच करे और जिम्मेदारी तय करे। लोगों को न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जाए। राहत-पुनर्वास के काम तेज किए जाएं। इस लेटर पर देश के करीब साढ़े 500 संस्थाओं, संगठनों, सांसदों, पूर्व नौकरशाहों ने मणिपुर में जारी हिंसा की निंदा करते हुए राज्य सरकार की बंटवारे की राजनीति पर रोक लगाने की मांग की है।
म्यांमार से मणिपुर में घुसे 300 हथियार बंद लोग
म्यांमार से राज्य के बिष्णुपर जिले में 300 हथियारबंद लोगों के घुसने की जानकारी मिली है। सूत्रों के अनुसार, तोरबुंग के जंगलों में ठिकाना बनाने के बाद हिंसा करने वालों का ये समूह चूराचांदपुर की ओर बढ़ रहा है। बताया जाता है कि इनमें चिन और कुकी शामिल हैं। सुरक्षा एजेंसियां इनका पता लगाने के लिए ड्रोन इस्तेमाल कर रही हैं। इस बीच गुरुवार दोपहर में बिष्णुपुर जिले के त्रोंग्लाओबी में कुकी हमलावरों ने पुलिस वाहन पर अंधाधुंध फायरिंग की। जिसमें पुलिस का एक कमांडो शहीद हो गया, जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इस बीच, राज्य में मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को 20 जून तक बढ़ा दिया गया है।