मेरठ । लव जिहाद को लेकर मेरठ में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद और बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल से वाद-विवाद हो गया। शंकराचार्य ने कहा था कि आरएसएस प्रचारक रामलाल की भतीजी ने एक मुस्लिम से शादी की होने और प्रधानमंत्री मोदी इस समारोह में पहुंच गए। इस पर कार्यक्रम में मौजूद बीजेपी सांसद अग्रवाल से शंकराचार्य की बहस हो गई। शंकराचार्य ने सांसद से बात करने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं शंकराचार्य के साथ के लोगों ने आयोजन स्थल से सांसद को धकिया कर निकाल दिया। इसके बाद सांसद ने कहा कि शंकराचार्य का व्यवहार संन्यासी वाला नही है।
दरअसल, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद मेरठ में राज राजेश्वरी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पहुंचे थे। शंकराचार्य ने लव जिहाद पर बयान में कहा कि एक तरफ ओर भाजपा लव जिहाद का विरोध करती है, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री संघ प्रचारक रामलाल की बेटी (भतीजी) की शादी में आशीर्वाद देने पहुंचते हैं, जबकि उनकी बेटी की शादी मुस्लिम युवक से हुई है। इस पर मंदिर में मौजूद आरएसएस के पदाधिकारी विनोद भारती ने शंकराचार्य का विरोध किया।
भारती ने तर्क दिया कि रामलाल अविवाहित हैं, उनकी भतीजी की शादी थी, जिसमें प्रधानमंत्री पहुंचे थे। आपको ऐसा नहीं बोलना चाहिए। इस पर शंकराचार्य नाराज हो गए। उन्होंने कहा, संघियों का यही रवैया है। मैंने कुछ गलत नहीं बोला है। भतीजी बेटी ही होती है। रामलाल के भाई के आयोजन में पीएम नहीं जा सकते। वह रामलाल की वजह से गए थे।
अभी हंगामा शांत ही हुआ था कि मेरठ के भाजपा सांसद अग्रवाल भी शंकराचार्य से आशीर्वाद लेने मंदिर जा पहुंचे। शंकराचार्य ने कहा कि भाजपा और आरएसएस के पदाधिकारियों से वह बात नहीं करने वाले हैं। इस पर सांसद ने नाराजगी जताकर कहा, मैं आपको भी संन्यासी नहीं मानता हूं। इस पर दोनों में बहस हुई। इसके बाद शंकराचार्य के सेवकों ने सांसद को धकिया कर कमरे से बाहर निकाल दिया। सांसद ने माना कि वह दर्शन करने गए थे। पूरे मामले पर उनका कहना था, मुझे पहले से हो रहे विवाद का पता भी था लेकिन मुझे एक तरह से धकिया कर निकाला गया। हालांकि मैं यह शब्द नहीं कहना चाह रहा था लेकिन असलियत बता रही है कि यह संन्यासी का व्यवहार नहीं है। यह एक शंकराचार्य का व्यवहार नहीं है।