ग्वालियर।एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को जीवाजी विश्वविद्यालय का घेराव करने के लिए पहुंचे। लेकिन विश्वविद्यालय से पहले ही पुलिस ने बेरिकेड्स लगाकर रोक लिया। जब कार्यकर्ता अधिक विरोध करने लगे और उग्र होने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए फयरब्रिगेड से पानी की तेज धार छोड़ी और कार्यकर्ताओं को मौके से खदेड़ा। हालांकि बाद में फिर से कार्यकर्ता एकत्रित हो गए। इसके बाद पुलिस ने करीबन दर्जन पर छात्र नेताओं को गिरफ्तार भी किया।
गुरुवार को एनएसयूआई के प्रदर्शन को देखते हुए जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने बड़े हंगामे की आशंका जताते हुए पुलिस बल का इंतजाम कर रखा था। पुलिस को भी बुला रखा था। हंगामा होने की वजह विश्वविद्यालय में आए दिन होने वाले हंगामे से ना सिर्फ विश्वविद्यालय का माहौल खराब होता है बल्कि विश्वविद्यालय के संपदा का भी नुकसान होता है।पुलिस ने यहां छात्रों को रोकने के लिए वाटर कैनन का भी उपयोग किया और करीब दर्जन भर छात्रों को गिरफ्तार भी किया गया. एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष पवन शर्मा बताया कि वे व उनका संगठन अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन देने आए थे। लेकिन प्रबंधन ने आने नहीं दिया। इस वजह से आंदोलन उग्र हो गया। लेकिन पुलिस व प्रबंधन ने कार्यकताओं पर सख्ती कर दी।
कुलपति पर लगाया विश्वविद्यालय का निजीकरण करने का आरोप
जीवाजी विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करने पहुंचे छात्र नेताओं ने यहां जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति पर विश्वविद्यालय के प्राइवेटीकरण का आरोप लगाया है छात्रों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है उनका आंदोलन जारी रहेगा.
जिले में लगी हुई है धारा 144
आपको बता दें कि जिला कलेक्टर ने हाल ही में संपूर्ण जिले में धारा 144 लगाई जाने की घोषणा की है। इसका मतलब इस दौरान किसी भी तरह का जंगी प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। ऐसे में एनएसयूआई के द्वारा विश्व विद्यालय में होने वाले प्रदर्शन पर पुलिस ने कार्रवाई की है एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला भी दर्ज हो सकता है।
कार्यपरिषद की बैठक पर भी पड़ सकता है असर
जीवाजी विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक कल आयोजित होने जा रही है। ऐसे में जेयू में होने वाले इस हंगामा से कार्य परिषद की बैठक पर भी अच्छा खासा प्रभाव देखने मिल सकता है। बता दें की संबद्धता के मामले को लेकर पहले ही कार्य परिषद में हंगामा मचा हुआ है।