नई दिल्ली। भारत का मिशन चंद्रयान 3 सफल हो गया है। आज सुबह- सुबह विक्रम लैंडर से नीचे उतरकर रोवर ने चांद की जमीन पर चहलकदमी शुरु कर दी है। यह जानकारी भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने आज सुबह ट्वीट कर दी है। इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 का ‘प्रज्ञान’ रोवर विक्रम लैंडर से नीचे उतर गया और उसने चांद की जमीन पर सैर भी की है। इधर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विक्रम’ लैंडर से रोवर ‘प्रज्ञान’ के सफलता पूर्वक बाहर आने के लिए इसरो की पूरी टीम को बधाई दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों की कोशिश होगी कि वो रोवर के जरिए भेजे जा रहे चांद के डाटा को देखेंगे। यहां गौरतलब है कि रोवर एक 6 पहिए वाला रोबोटिक व्हीकल है, जो चंद्रमा की सतह पर सैर करेगा और फिर तस्वीरें खींचेगा। बता दें कि प्रज्ञान रोवर में इसरो का लोगो और भारत का तिरंगा बना हुआ है। बताया जा रहा है कि चांद पर लैंडर की लैंडिग के चार घंटे बाद प्रज्ञान रोवर बाहर निकला। प्रज्ञान की स्पीड की बात करें तो यह एक सेंटिमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चलेगा। इस दौरान कैमरों की मदद से रोवर पर चांद पर मौजूद चीजों की स्कैनिग की जाएगी। प्रज्ञान चांद पर के मौसम की भी जानकारी देगा। रोवर चांद की सतह पर मौजबद इयॉन्स और इलेक्ट्रॉन्स की मात्रा को भी पता लगाएगा।
इसरो के अनुसार चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) मिशन के लैंडर ‘विक्रम’ (Vikram) ने चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए अपेक्षाकृत एक समतल क्षेत्र को चुना। इस बात का खुलासा उसके कैमरे से ली गयी तस्वीरों से भी हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि विक्रम के सफलतापूर्वक चंद्रमा पर पहुंचने के तुरंत बाद ‘लैंडिंग इमेजर कैमरा’ ने ये तस्वीरें कैद कीं। तस्वीरें चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का एक हिस्सा दिखाती हैं। उसने कहा, ‘लैंडर का एक पैर और उसके साथ की परछाई भी दिखायी दी। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर अपेक्षाकृत एक समतल क्षेत्र को चुना। उसने यह भी बताया कि लैंडर और इसरो के यहां मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (MOX) के बीच संचार भी स्थापित हुआ है। इसरो ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरते वक्त ली गयी तस्वीरें भी साझा की हैं।