ग्वालियर. सायबर ठगों से सावधान रहने के लिए पुलिस विभाग कई तरह से जागरूक करने में जुटी है लेकिन फिर भी लोग कभी डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो रहे हैं तो कहीं ऑनलाइन जॉब के नाम पर ठगे जा रहे हैं. लेकिन साइबर ठग लगातार ठगी के तरीके बदल रहे हैं. हाल ही में ग्वालियर की एक मेडिकल छात्रा से साइबर ठगों ने इंस्टेंट प्रॉफिट का लालच देकर 44 लाख रुपये का ठग लिए.
ऐसे ठगों के चंगुल में फंसी
घटना की शुरुआत तब हुई जब को ग्वालियर के आदित्यपुरम में रहने वाले एक परिवार की बेटी को सायबर ठगों ने अपने शिकजे मे ले लिया . पीड़िता दिल्ली के एक मेडिकल कॉलेज की छात्र है जो ग्वालियर स्थित अपने घर आई हुई थी. 5 फरवरी उसे व्हाट्सअप पर मैसेज में ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब का ऑफर मिला जिसमे गूगल पर होटल और रेस्तरां की रेटिंग करने के लिए रुपये ऑफर किए गए थे ये टास्क बेस्ड जॉब बताया गया हर टास्क को पूरा करने पर एक निश्चित राशि बैंक खाते में दी जाती थी. इसके लिए सोशल मीडिया ऐप टेलीग्राम के ग्रुप पर जोड़कर कर शुरुआत में उसे पहले 200 रुपये और फिर 480 रुपये कमीशन के मिले थे.
टास्क बेस्ड जॉब का दिया लालच
ये टास्क आगे क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने में बदल गए. पीड़िता को दिए टास्क में शुरू में उससे 1 हजार रुपये रुपये इन्वेस्ट कराए गए और कमीशन के बाद 1200 रुपये लौटाए गए इसी तरह यह रकम और कमीशन बढ़ता गया. ग्वालियर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा ने बताया कि पैसा इन्वेस्टमेंट करने के बाद अच्छा रिटर्न मिलने पर छात्रा साइबर ठगों के झाँसे में आ गई इसके बाद उन्होंने बड़ी रक़म इन्वेस्ट करने के लिए कहा क्योंकि यह पैसा कुछ ही देर बाद प्रॉफिट के साथ वापस कर दिया जाता था इस धोखे में मेडिकल छात्रा ने भी क़रीब 3 लाख रुपये इन्वेस्ट कर दिया. जब उसे यह रकम वापस नहीं मिली तो उसे वापसी के लिए क्रेडिट स्कोर कम होना बताकर धीरे धीरे करीब 44 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए.
माँ का बैंक अकाउंट इस्तेमाल करती थी मेडिकल छात्रा
ये पैसा मेडिकल छात्रा ने अपनी माँ के बैंक अकाउंट से ट्रांसफर किया था. क्योंकि, उसके पिता सेना में रहे थे और उनके निधन के बाद घर की सारी जमा पूंजी माँ के बैंक खाते में थी. और छात्रा घर की बड़ी बेटी थी इसलिए माँ का बैंक अकाउंट भी वही ऑपरेट करती थी. ऐसे में जब खाते से 44 लाख रुपये जमा करने के बाद भी वापसी की उम्मीद नज़र नहीं आई इस बीच पैसा रिकवरी को लेकर साइबर ठग गिरोह के अलग अलग सदस्यों की उससे बात भी होती रही लेकिन जब ठगों ने उसे फिर 13 लाख रुपये जमा करने की बात कही तब जा कर पीड़ित छात्रा को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ.
केस दर्ज , खातों पर निगाह
एएसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि, ठगी का शिकार होने के बाद पीड़ित मेडिकल छात्रा ग्वालियर एसपी कार्यालय स्थित क्राइम ब्रांच पहुची और मामले की शिकायत कर ठगी की पूरी वारदात बतायी है. जिसपर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. इसके लिए ठगों द्वारा युवती से जिन खातों में पैसा ट्रांसफर कराया गया है उनकी जांच करायी जा रही है बैंक प्रबंधन से भी जानकारी माँगी गई है