पटना । महाराष्ट्र में चल रही चाचा-भतीजे की राजनीतिक लड़ाई अब बिहार में भी एंट्री लेती नजर आ रही है। कारण, यहां हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर केंद्रीय मंत्री रहे स्व. रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस और बेटे चिराग पासवान आमने-सामने नजर आ रहे हैं। दरअसल रामविलास पासवान की जयंती पर चिराग पासवान ने ऐलान किया है कि वह हाजीपुर लोकसभा सीट से साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मैदान में होंगे। चिराग ने कहा है कि यह मेरे पिता की विरासत है। स्व. रामविलास पासवान के भाई केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि मैं तो वहां का सांसद हूं और बड़े भाई ने हाजीपुर सीट मुझे दी थी। इसलिए यहां से लोकसभा चुनाव तो मैं ही लडूंगा। केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि मैं साल 2019 में चुनाव नहीं लड़ना चाहता था। तब भइया के कहने पर चुनाव लड़ा था। उस समय चिराग को उन्होंने हाजीपुर की सीट नहीं दी, तो अब तो मैं ही इसका हकदार हूं।
केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि चिराग पासवान कहां है इसका पता उन्हें खुद नहीं है। वह खुद कहते हैं कि मैं किसी गठबंधन में नहीं हूं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में चाचा-भतीजे की लड़ाई और बिहार में हम चाचा-भतीजे की लड़ाई अलग है। महाराष्ट्र की सियासत में 2 जुलाई का दिन बड़े उलटफेर वाला रहा। एनसीपी नेता ने पार्टी से बगावत कर डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के 40 विधायक उनके साथ हैं। अजित के साथ 9 अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। डिप्टी सीएम बनते ही अजित पवार ने तुरंत अपने ट्विटर बायो भी बदल लिया था। अजित पवार ने अपने पॉलिटिकल करियर में अब तक 5 बार डिप्टी सीएम पद की शपथ ली, जबकि वह पिछले 4 साल में तीसरी बार उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं। 2 जुलाई 2023 (रविवार) को डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने से पहले अजित ने साल 2019 में भी इसी पद की शपथ ली थी, लेकिन बतौर डिप्टी सीएम उनका वह कार्यकाल सबसे छोटा था क्योंकि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार महज 80 घंटे में गिर गई थी।