नई दिल्ली । ग्रेटर नोएडा में चोला से पलवल रेलवे स्टेशन तक जेवर एयरपोर्ट से होते हुए रेल लाइन बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेज दिया है। यह ट्रैक करीब 47.6 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें जेवर और चोला में रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। यीडा ने अपनी बोर्ड बैठक में दिल्ली-कोलकाता रेलमार्ग में चोला से जेवर एयरपोर्ट तक रेललाइन के लिए प्रस्ताव पास किया था। यह कॉरिडोर 20 किलोमीटर का था। यह भी तय किया गया था कि यह प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा। हालांकि इससे पहले रेल मंत्रालय के साथ हुई वार्ता में इस पर सैद्धांतिक सहमति जताई जा चुकी है। अब इस कॉरिडोर में कुछ बदलाव करते हुए प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड को अपना प्रस्ताव भेज दिया है। जेवर इलाका अभी रेलमार्ग से अछूता है। एयरपोर्ट के चलते इसे रेलमार्ग से जोड़ने की तैयारी शुरू हुई है। इसको देखते हुए तय किया गया है कि दिल्ली-कोलकाता रेलमार्ग के चोला रेलवे स्टेशन से और दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग में पलवल स्टेशन तक वाया जेवर एयरपोर्ट होते हुए कॉरिडोर बनाया जाए। चोला से जेवर की दूरी करीब 20 किलोमीटर और जेवर से पलवल की दूरी करीब 27.6 किलोमीटर होगी। इसमें जेवर में बड़ा रेलवे स्टेशन बनाया जाए। प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि इसके बनने से इस इलाके को बड़ा फायदा मिलेगा। इस नये रेलमार्ग के बनने से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, हरियाणा, राजस्थान समेत तमाम राज्यों तक पहुंच आसान हो जाएगी। इसके जरिये जेवर वाया चोला होते हुए आनंद विहार दिल्ली तक स्पेशल ट्रेन चलाई जा सकेंगी। लोग रेलमार्ग के जरिये जेवर एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे।
योजना के मुताबिक, चोला और जेवर बड़ा रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। इस इलाके से आर्बिटर रेल भी प्रस्तावित है। एनसीआरटीसी के प्रस्ताव में दिल्ली के चारों ओर रेलमार्ग बनाया जाना है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे से यह रेलमार्ग प्रस्तावित है। इससे दिल्ली का लोड कम किया जाएगा। यह कॉरिडोर भी गौतमबुद्ध नगर जनपद से गुजरेगा। इस तरह इस जिले के लिए दो नये रेलमार्ग मिल जाएंगे। जेवर एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया एक साथ शुरू कर दी गई है। 14 गांवों की 2053 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें तीन रनवे बनेंगे। सबसे पहले भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित मुआवजा के लिए सामाजिक समाघात निर्धारण (एसआईए) किया जाएगा। एसआईए गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय 30 अगस्त तक पूरा करेगा।