शिमला । उत्तराखंड (Uttarakhand) के रुद्रप्रयाग में फिर से भारी बारिश के चलते भयंकर भूस्खलन हुआ। रुद्रप्रयाग में मौजूद गौरीकुंड के समीप डॉट पुलिया के पास भारी बारिश और भूस्खलन (Landslide) से 2 दुकानें और एक खोखा बहने की खबर है। इसमें कईं लोगों की दबे होने की सूचना है जानकारी के मुताबिक 13 लोगों के लापता होने की आशंका है। हालांकि मौके पर बचाव कार्य जारी है।
घटना के बाद गौरीकुंड (Gauri Kund) एनडीआरफ और एसडीआरएफ मौके पर मौजूद हैं। सेक्टर अधिकारी गौरीकुंड ने बताया कि मलबे में कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है। वहीं, लगातार बारिश होने से फिलहाल सर्च और रेस्क्यू अभियान कार्य को रोका गया है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि हिमाचल में मानसून की शुरुआत के बाद से पिछले 41 दिनों के दौरान लगभग 200 बारिश से संबंधित मौतें हुईं और 31 लोग लापता हो गए। 199 मौतों में से 57 मौतें भूस्खलन और बाढ़ के कारण हुईं, जबकि 142 लोगों की मौत मानसून अवधि के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई। राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ने कहा कि जैसे-जैसे राज्य बारिश और बाढ़ से उबर रहा है, हर दिन जानमाल का नुकसान बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि बारिश के कारण बुनियादी ढांचे को नुकसान का अनुमान हर दिन बढ़ता जा रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक, इसी अवधि में बुनियादी ढांचे को अनुमानित नुकसान 6563.58 करोड़ रुपये रहा। बारिश के कारण आई बाढ़ से राज्य में 774 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि 7317 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 254 दुकानें और 2337 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 79 भूस्खलन और 53 अचानक बाढ़ की घटनाएं देखी गईं। आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में करीब 300 सड़कें बंद हैं। 274 बिजली और 42 जलापूर्ति योजनाएं अब भी बाधित हैं। राज्य में अगले दो दिनों के दौरान भारतीय मौसम विभाग की जारी भारी बारिश की चेतावनी के बीच राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने गुरुवार को अलर्ट जारी किया। इस बीच, शिमला में पर्यटन उद्योग को एक विनाशकारी झटका लगा है, क्योंकि सोलन जिले में कालका-शिमला चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग 5 भूस्खलन में बह गया है। पर्यटन पुनरुद्धार की उम्मीदें बहुत अधिक थीं, लेकिन इस आपदा ने राज्य की राजधानी में व्यवसायों के भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।