मुम्बई।’हरीश पाठक की कहानियाँ जीवन के उस संघर्ष,जिजीविषा और जद्दोजहद की कहानियाँ हैं जो हमारे समय का सच है।वे साहिर के शेर ‘दुनिया ने तजरबात ओ हवादिस की शक्ल में,जो कुछ मुझे दिया है लौटा रहा हूं मैं’ को चरितार्थ करती हैं’।यह विचार प्रख्यात कथाकार असगर वजाहत ने आठवें दशक के महत्वपूर्ण कथाकार हरीश पाठक की नयी किताब ‘मेरी कहानियाँ'(इंडिया नेटबुक्स) के प्रेस क्लब में आयोजित लोकार्पण समारोह में व्यक्त किए।वे समारोह के अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्य अतिथि गुजराती के प्रख्यात कथाकार,नाटककार डॉ दिलीप ज़वेरी ने कहा,’जीवन की उतार, चढ़ाव वाली तरंगें उनकी कहानी जलतरंग में जिस गति से आती है वह जीवन का सच है।वे त्रास को अक्षर देते हैं’।उर्दू के प्रख्यात उपन्यासकार रहमान अब्बास ने कहा,’उम्मीदों का टूटना इनकी कहानियों का सच है।’मराठी के मशहूर कवि, चित्रकार संजीव खांडेकर ने कहा,’यह मेरी जिंदगी का पहला उत्सव है जब मैं हिंदी में बोल रहा हूँ।’डॉ हूबनाथ पांडेय व ओमा शर्मा ने कहानियों पर अपने विचार रखे।अभिनेता दिनेश शाकुल ने हरीश पाठक की कहानी ‘सरे आम’ का पाठ किया व प्रियंका चंदानी ने कहानी ‘खोई हुई औरत’ के एक अंश का पाठ किया।
भावुक होते हुए हरीश पाठक ने कहा,’आज मैं बहुत अमीर हो गया हूँ।मेरे जन्मदिन पर यह आयोजन मेरे उस सपने का सच होना है जहाँ कहानी के सिवा कुछ नहीं सोचना था।कहानी ही मेरी नागरिकता है।’
कार्यक्रम का आयोजन शोधावरी व श्रुति संवाद साहित्य कला अकादमी ने किया था जिसका संचालन अरविंद राही ने किया।सरस्वती वंदना दिल्ली से आयी कवयित्री सौम्या दुआ ने प्रस्तुत की।
इस मौके पर प्रख्यात व्यंग्यकार हरि जोशी,मनहर चौहान,कमलेश बक्शी, गंगाराम राजी, महेंद्र मोदी,प्रदीप चंद्र, वंदना शर्मा,आभा दवे,अभिनेता शैलेंद्र गौर,कथाकार रमेश यादव,गोपाल शर्मा,शैलेश श्रीवास्तव,प्रदीप गुप्ता, सरताज मेंहदी, राजेश विक्रांत,मुकेश गौतम,अनन्त जोशी,उपन्यासकार शिल्पा,अनिल गलगली,मृगेन्द्र राय, जुलमीराम यादव,पत्रकार द्विजेन्द्र तिवारी,ओमप्रकाश तिवारी,अभय मिश्र,आदित्य दुवे,विनीत शर्मा,एजाज अहमद,विनोद खत्री, फिरोज खान सहित कला,साहित्य,संस्क्रति से जुड़े तमाम रचनाकार उपस्थित थे।