ग्वालियर। ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन इमारत से सरियों पर गिरा युवक छोटू जाटव आखिर जिंदगी की जंग हार गया। छोटू की इलाज के दौरान मौत हो गई। पिछले तीन दिन से छोटू वेटिंलेटर पर था।डॉक्टरों ने बताया कि छाती और पेट में घुसे तीन सरिये भले ही ऑपरेशन कर निकाल दिए गए थे, लेकिन फेंफड़ों में फैला इंफेक्शन छोटू की मौत का कारण बन गया। जटिल आपरेशन के सात दिन बाद छोटू जिंदगी की जंग हार गया।
स्टेशन पर काम करते गिरा और तीन सरिए आरपार हो गए
आपको बता दें कि 29 अक्टूबर को रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन इमारत पर काम करते समय छोटू जाटव नीचे गिर गया था। उसके पेट और छाती में तीन सरिये घुस गए थे। गंभीर हालात में उसे जेएएच के ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए ले जाया गया था।
डॉक्टर ने किया था रेयरेस्ट ऑपरेशन
जेएएच के डॉक्टर्स ने सीटी स्कैन जांच के लिए पहले ग्राइंडर से उसके सरियों को कटवाया ।डॉक्टरों ने सवा घंटे ऑपरेशन कर छाती और पेट में घुसे सरियों को निकाला। इस जटिल ऑपरेशन के बाद न केवल डॉक्टर, बल्कि परिजन आश्वस्त थे कि अब छोटू की जिंदगी बच जाएगी, लेकिन उसने दम तोड़ दिया।
ऊर्जामंत्री भी छोटू को देखने गए थे
मध्य प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर छोटू जाटव के सफल ऑपरेशन के बाद उसके स्वास्थ्य की जानकारी लेने एक हजार बिस्तर अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने आपरेशन करने वाले चिकित्सकों का सम्मान भी किया था। साथ ही परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया था।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा का कहना है कि छोटू की मौत के बाद पढ़ाव थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और मर्ग जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.