ग्वालियर । ग्वालियर के बेहट इलाके में एसडीओपी के रूप में पदस्थ राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी संतोष पटेल अपने मानवीय सामाजिक कार्यो और लोगो से मेल मिलाप कर पुलिसिंग में नवाचारों के लिए सदैव चर्चाओं में रहते है । इस बार वे अपने पढ़ाई के दिनों में सहयोग करने वाले एक सब्जी विक्रेता को खोजने भोपाल पहुंच गए । सलमान नामक इस युवक को वे अपने गर्दिश का साथी बताते है और इसके साथ अपने फोटो और वीडियो के साथ पुरानी यादें भी सोशल मीडिया पर शेयर की।
सोशल मीडिया पर खुद शेयर की स्टोरी
भोपाल के अप्सरा टॉकीज इलाके में रोजाना की तरह बाजार चल रहा है। इस बीच मध्यप्रदेश पुलिस के बड़े अधिकारी की गाड़ी सब्जी के ठेले के पास आकर रुकी। गाड़ी के ड्राइवर ने बगल में ही ठेला लगाए सब्जी बेचने वाले का नाम पुकारा- सलमान खान…सलमान भोपाल में अप्सरा सिनेमा के पास सब्जी का ठेला लगाता है । एसडीओपी पटेल ने अपने X खाते पर लिखा कि वे 9 नवंबर की रात 8 बजे वर्षों बाद सलमान को खोजते हुए उससे मिलने पहुंचे। जब उन्होने ठेले के बगल में अपनी पुलिस की गाड़ी में बैठे बैठे आवाज दी …सलमान तो सुनकर पहले तो वह सकपका गया ।
मुफलिसी के दिनों में साथ देने के लिए ज्ञापित की कृतज्ञता
डीएसपी संतोष पटेल ने अपने X अकाउंट पर इस भेंट का वीडियो शेयर कर स्मृतियां दोहराई बल्कि बसब्जी विक्रेता के सहयोगी रुख की जमकर प्रशंसा की। संतोष पटेल बताते है कि वे 14 साल पहले गाँव से आकर भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, तब सलमान के पास रोजाना सब्जी लेने आते थे। दोनों में इतनी अच्छी मित्रता हो गई थी कि सलमान पैसे न होने पर उन्हें जरूरत पड़ने पर बगैर पैसे के ही सब्जियां दे दिया करते थे।ग्वालियर में एसडीओपी बेहट के पद पर पदस्थ पटेल बताते है कि वे अपने परिवार ही नही अपने गाँव के ही पहले राजपत्रित पुलिस अफसर है। वे सामान्य कृषक परिवार से है और काफी आर्थिक दिक्कतों के बीच भोपाल में रहकर इंजिनीयरिंग की पढ़ाई की फिर मध्यप्रदेश सिविल सर्विसेज के कम्पटीशन की । उन्हें उस समय सलमान द्वारा दिये गए सहयोग और दरियादिली आज भी याद आती है
साथ देने वाले को भूलना पाप है
पटेल कहते है कि 14 साल बाद जब अचानक वे भोपाल जाकर सलमान से मिले, तो हम दोनों बहुत खुश हुए। बुरे समय में साथ निभाने वाले को भूल जाना किसी पाप से कम नहीं। वे कहते है – बंदे में बस एक दोष न हो, बंदा एहसान फरामोश न हो।