हैदराबाद । आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू (Chandra Babu Naidu) को भ्रष्टाचार के आरोप में शनिवार की सुबह सीआईडी ने गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी पर टीडीपी कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। वहीं पूर्व सीएम का कहना है कि सीआईडी ने बिना सबूत के गिरफ्तारी की है। उधर आंध्र पदेश में इस मामले पर सियासी हंगामा भी मच गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि सीआईडी ने बिना किसी उचित जानकारी के उनकी गिरफ्तारी की, जबकि सीआईडी ने सबूत दिखाने से भी इनकार कर दिया। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नायडू ने कहा कि मैंने कोई चोरी या भ्रष्टाचार नहीं किया है। सीआईडी ने बिना किसी उचित जानकारी के मुझे गिरफ्तार कर लिया। मैंने उनसे सबूत दिखाने को कहा लेकिन उन्होंने सबूत दिखाने से इनकार कर दिया। मेरी भूमिका के बिना मेरा नाम एफआईआर में जोड़ दिया। बता दें कि टीडीपी प्रमुख को कौशल विकास घोटाला मामले में कथित तौर पर आंध्र प्रदेश के आपराधिक जांच विभाग ने हिरासत में लिया।
हालांकि इस मामले में 2021 में एफआईआर दर्ज की गई थी। आज सुबह जैसे ही पुलिस टीडीपी प्रमुख को गिरफ्तार करने पहुंची, उन्हें टीडीपी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। गिरफ्तारी के दौरान अधिकारियों और नायडू के समर्थकों के बीच हल्की झड़प भी हुई। नायडू को इस मामले में आरोपी नंबर 1 के रूप में शामिल किया गया है। आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को मेडिकल जांच के लिए नंद्याल अस्पताल ले जाना था, लेकिन उन्होंने अस्पताल जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद एक शिविर में उनका मेडिकल चेक-अप किया गया।
टीडीपी प्रमुख नायडू को सड़क मार्ग से नंद्याल से विजयवाड़ा ले जाया गया। हालांकि पहले खबरें थीं कि पुलिस उन्हें फ्लाइट से ले जाएगी। नायडू को दिए गए नोटिस में सीआईडी की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के पुलिस उपाधीक्षक एम धनुंजयुडु ने कहा कि आपको सूचित किया जाता है कि आपको सुबह छह बजे नंदयाल शहर के ज्ञानपुरम स्थित मूलसागरम के आवास आर के फंक्शन हॉल से गिरफ्तार कर लिया गया है और यह एक गैर-जमानती अपराध है। नायडू को धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और 465 (जालसाजी) सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। सीआईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराएं भी लगाई हैं। नायडू को नोटिस दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 50 (1) (2) के तहत दिया गया था।