नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि मोबाइल फोन के बगल में सोने से क्या होगा? डॉक्टरों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह कोई स्वस्थ आदत नहीं है। विशेषज्ञों ने कहा है कि डिवाइस के साथ सोना एक हानिकारक आदत है जो नींद की कमी और अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है।
2020 के एक अध्ययन से पता चला है कि सोने से पहले चार सप्ताह तक फोन का इस्तेमाल कम करने से नींद की गुणवत्ता और अवधि और काम करने की क्षमता में सुधार हुआ है।नींद और चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा है कि अभी के समय में किसी के जीवन से फोन को हटाना लगभग असंभव है, लेकिन फोन को बिस्तर से दूर रखना बहुत जरूरी है.इसके अलावा ऐपल ने हाल ही में अपने ऑनलाइन यूज़र गाइड को अपडेट किया है, जिसमें उसके आईफोन यूज़र्स से कहा गया है कि वे बिस्तर पर रहते हुए अपने फोन को चार्ज न करें। ज़्यादा गरम होने और आग लगने की चेतावनी दी है।इस गाइडलाइन में दिग्गज कंपनी ने सलाह दी है कि आईफोन्स को विशेष रूप से ऐसे वातावरण में चार्ज किया जाना चाहिए जो अच्छी तरह हवादार हो और टेबल जैसे फ्लैट जगह पर चार्ज करना चाहिए।खासतौर पर कंबल, तकिए या आपके शरीर जैसी नरम सतहों पर चार्ज करने से सख्त मना किया है।
आपकी आंखों में तेज रोशनी और इंस्टाग्राम पर लगातार रील्स के लिए स्क्रॉल करने से आपको सो जाने में मदद नहीं मिलेगी।यह आपके मस्तिष्क और शरीर को संकेत देता है कि सोने का समय समाप्त हो गया है।ऐसे में अगर फोन सोते समय आपसे दूर रहेगा तो आपको कई मायनों में मदद मिलेगी। मालूम हो कि फोन की आदत इतनी बढ़ गई है कि अब लोग इसके बिना रह ही नहीं पाते हैं। रात को सोने से पहले और सुबह जागने के बाद लोग फोन उठा लेते हैं। हमने आसपास ये भी देखा है कि लोग अपने तकिए के नीचे या सिर के पास फोन को रख कर सोते हैं। यह चिंताजनक बात है।