नई दिल्ली । पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने आगामी एकदिवसीय विश्वकप से पहले टीम इंडिया की कमजोरी बतायी है। युवराज ने पहले भी कहा कि वह टीम को जीतते हुए देखना चाहते हैं पर अभी के हालातों को देखते हुए ऐसा नहीं लगाता। 2011 विश्वकप जीत के इस हीरो ने कहा कि टीम को मध्यक्रम अच्छा नहीं है। खिलाड़ियों के चोटिल होने से ऐसा हुआ है। केएल राहुल, श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत के फिट नहीं होने के कारण भारत के पास सूर्यकुमार यादव और संजू सैमसन पर भरोसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। इस बात की पूरी संभावना है कि अगर राहुल और अय्यर समय पर लौटते हैं तो ही मध्य क्रम बेहतर होगा पर अगर ये दोनो ही समय के साथ वापसी नहीं कर पाते हैं, तो फिर विश्वकप में भारतीय टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
इस ऑलराउंडर ने कहा, मैं अन्य लोगों की तरह कह सकता हूं कि भारत जीतेगा क्योंकि मैं एक भारतीय हूं। पर मैं चोटों के कारण भारतीय मिडिल मध्य क्रम की हालत समझता हूं। अगर उन चिंताओं को दूर नहीं किया जाता है, तो हम संघर्ष करेंगे, खासकर दबाव वाले मैचों में। दबाव के खेल में प्रयोग नहीं किये जा सकते। मध्य क्रम में बल्लेबाजी करने का कौशल एक सलामी बल्लेबाज से बहुत अलग होता है। विश्वकप को अब दो महा है , ऐसे में अब देखना होगा कि टीम प्रबंधन में कोई है जो मध्य क्रम में खेलने वाले खिलाड़ियों पर नजर रख रहा है। वहीं अगर मध्य क्रम तैयार नहीं है तो उसके तैयार करना होगा। उन्होंने आगे कहा, अगर आपके सलामी बल्लेबाज जल्दी आउट हो जाते हैं तो आपको साझेदारी बनाने की जरूरत है। ऐसे में मध्यक्रम की जिम्मेदारी अहम हो जाती है। केवल वही बल्लेबाज नहीं होते जो आक्रामक शॉट खेलते हैं। मध्यक्रम में ऐसे बल्लेबाज होते हैं जो हालात के अनुसार खेलते हैं। उन्हें दबाव झेलना पड़ता है, कुछ गेंदें छोड़नी पड़ती हैं और एक साझेदारी बनानी होती है, ये आसान नहीं होता इसके लिए खिलाड़ी में अनुभवी के साथ ही धैर्य भी होना चाहिये।