नई दिल्ली । पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में लगातार तीन दिन से हो रही भारी बारिश के कारण भीषण बाढ़ के हालात हैं। प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है। बारिश से राज्य के 7 जिले पठानकोट, तरनतारन, फरीदकोट, फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, होशियारपुर और रूपनगर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ऐसे में हालात को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर कैबिनेट मंत्री ब्रह्म शंकर जिंपा ने अधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग की।
मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में सुबह से ही बारिश हो रही है। स्थिति को देखते हुए पंजाब सरकार ने राज्य में 13 जुलाई तक स्कूल बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। रूपनगर में अब तक 668 मिमि बारिश हुई है, जो राज्य में अब तक सबसे ज्यादा है। 532।50 मिमि बारिश के साथ साहिबजादा अजीत सिंह नगर दूसरे स्थान पर है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने लोगों से अपील की है कि वो भारी बारिश के कारण जितना संभव हो घरों से बाहर न निकलें। मोहाली और रूपनगर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे सीएम मान ने पंजाबी में एक ट्वीट कर कहा कि सरकार लोगों के साथ है और उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराई जाएगी।
हाल ही में पंजाब और हरियाणा के बारिश से कुछ सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए गए थे। मोहाली, पटियाला, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, पंचकूला और अंबाला दोनों राज्य के कुछ सर्वाधिक प्रभावित जिलों में से हैं।
वहीं, लगातार हो रही बारिश के कारण पैदा हुई स्थिति को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने सभी पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। उन्होंने विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई। हरियाणा सरकार ने भी परामर्श जारी कर लोगों से सावधानी बरतने और बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलने को कहा है।
पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में खेतों में पानी भर जाने से फसल को भी नुकसान पहुंचा है। सतलुज और घग्गर नदी के आसपास की भूमि जलमग्न हो गई है। पंजाब और हरियाणा में कुछ स्थानों पर पानी घरों में घुस गया और कुछ स्थानों पर लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण दोनों राज्यों के प्रमुख सड़क मार्गों पर भारी यातायात जाम की स्थिति है।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि पटियाला में बाढ़ का पानी राजपुरा थर्मल पावर प्लांट के परिसर में घुस गया, जिससे संयंत्र की 700 मेगावाट की एक इकाई को बंद करना पड़ा। पंजाब सरकार ने बढ़ते संकट से निपटने के लिए सेना से अतिरिक्त सहायता का अनुरोध किया। दोनों राज्यों में कुछ स्थानों पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें भी तैनात की गईं