नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में विपक्ष का हंगामा लगातार जारी है। इस बीच खबर यह है कि विपक्ष के रुख से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला नाराज हैं। उन्होंने कहा है कि जब तक दोनों पक्ष संसद सुचारू रूप से चलाने में पहल नहीं करते हैं, तब तक वे सदन की अध्यक्षता नहीं करेंगे। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है।संभवत: यही कारण है कि बुधवार को ओम बिरला संसद पहुंचे, लेकिन अपने ऑफिस में ही बैठे रहे। उन्होंने लोकसभा में आने से इनकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार, ओम बिरला की सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं तक अपनी नाराजगी पहुंचा दी है।
धनखड़ बोले, पीएम को सदन में मौजूद रहने का निर्देश नहीं दे सकते
इस बीच, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आने का निर्देश नहीं दे सकते। विपक्षी नेता संसद के उच्च सदन में भी मणिपुर मुद्दे पर नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं।विपक्षी नेता राज्यसभा के नियम 267 के तहत मणिपुर में जातीय हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। मांग न मानने जाने पर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।
बुधवार को राज्यसभी कार्यवाही शुरू होने से पर सभापति के समक्ष सूचीबद्ध कागजात पेश किए गए। इसके बाद धनखड़ ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत मणिपुर में अशांति पर चर्चा की मांग के लिए 58 नोटिस मिले हैं।बता दें, संसद का मौजूदा सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था, लेकिन विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है और कोई कामकाज नहीं करने दे रहा है। विपक्ष ने पहले मणिपुर हिंसा पर चर्चा की बात की। सरकार भी राजी हो गई तो किस नियम के तहत चर्चा हो, इस पर विवाद शुरू कर दिया।
विपक्ष इस बात पर अड़ा है कि प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और जवाब देना चाहिए। जबकि कानून व्यवस्था का मामला होने के कारण यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जिम्मेदारी और वे सदन में बयान देने के लिए तैयार है।