
भोपाल। लंबे मंथन और सियासी जद्दोजहद के बाद आखिरकार शिवराज मंत्रिमंडल में तीन और मंत्री शामिल हो गए। आज सुबह राजभवन में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने मध्यप्रदेश के तीनों विधायको को मंत्री पद की शपथ दिलाई । यह संमारोह तय समय अनुसार सुबह 8.45 बजे हुआ जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता गौरशंकर बिसेन, राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला और उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी ने मंत्री पद की शपथ ली । बताया जा रहा है कि मंत्री मंडल विस्तार में दो को कैबिनेट का दर्जा, जबकि एक राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है।
विंध्य,महाकौशल और बुंदलखण्ड को साधने की कोशिश

अभी तक आये सर्वे में एमपी में बीजेपी की हालत खराब ही नजर आई है । ग्वालियर चम्बल के अलावा विंध्य , बुन्देलखंड और महाकौशल में भी पार्टी की हालत ठीक नही है। कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजी है। इसी को कम करने के लिए चुनाव के अंतिम चरण में इस क्षेत्र को मंत्रिमंडल में स्थान देने की कवायद शुरू की गई । इसको लेकर पांच दिन से जबरदस्त माथापच्ची हुई । अभी शिवराज केबिनेट में चार स्थान रिक्त थे लेकिन विवाद और सहमति न बन पाने के चलते सिर्फ तीन ही लोग आज शपथ ले सके । एक नाम जालम सिंह पटेल का भी था लेकिन उन्हें आज शपथ नही दिलाई जा सकी।
उमा की नाराजी दूर करने की कोशिश

इस मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये महाकौशल इलाके से लंबे समय से उपेक्षित पड़े गौरीशंकर बिसेन को एक बार फिर मौका दिया गया वही विंध्य के ब्राह्मण चेहरे और पिछली शिवराज सरकार में सबसे पॉवरफुल माने जाने और नई सरकार में हासिये पर पड़े राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला को महज कुछ दिन पहले मंत्री बनाया गया। सबसे चौंकाने वाला नाम राहुल लोधी का है । पहली बार विधायक बने राहुल को शपथ दिलाकर बीजेपी ने अपनी परिपाटी को भी तोड़ा। लेकिन इसकी बजह उमा भारती की लंबे समय से चली आ रही नाराजी को दूर करना है। वे बीते दो साल से अपने बयानों से नाराजी का इजहार क़रतीं रहीं है। लेकिन अब पार्टी बचाव की मुद्रा में है। पहले पार्टी के खिलाफ खुलकर सड़क पर आने वाले प्रीतम लोधी की पार्टी में वापिसी हुई और पहली ही सूची में उनको पिछोर से टिकट भी दिया गया । प्रीतम भी उमा भारती के करीबी रिश्तेदार हैं । और अब उनके भतीजे राहुल को मंत्री बनाया गया। इसके जरिये जहाँ उमा को खुश किया गया वहीं लोधी वोट साधने की भी कोशिश की गई। हालांकि शपथ ग्रहण समारोह में उमा भारती की अनुपस्थिति को लेकर खूब चर्चाएं रहीं।
एक सीट अभी भी खाली
मध्यप्रदेश के मंत्रीमंडल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अब 34 मंत्री हो गए हैं. जबकि होना 35 मंत्री चाहिए. अब प्रदेश के मंत्री मंडल में महज एक पद ही खाली है। माना जा रहा है कि जल्द ही एक और मंत्री को शपथ दिलाई जा सकती है।
पत्रकार ने घण्टो में किया विश्लेषण
भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र जैन ने चुनाव के महज कुछ समय पहले किये गए मंत्रिमंडल के इस विस्तार का घंटों में बांटकर बड़ा ही रोचक विश्लेषण किया है। उन्होंने लिखा है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि
मात्र 1000 घंटे के लिए तीन मंत्री बनाए जा रहे हैं। 280 घंटे यह सोने में बिताएगें। 720 घंटे मंत्री पद का सुख भोगेंगे।
खास बात ये कि इन्हें मंत्री बनाएं या नहीं इस पर विचार करने सीएम ने 96 घंटे लगाए गए।