ग्वालियर। सुप्रीम कोर्ट के जाने माने एडवोकेट और कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा ने नेताओ द्वारा किये जा रहे दल बदल को लेकर बड़ी अहम बात कही। तन्खा ने ग्वालियर में मीडिया से बातचीत में दावा किया अमरीका US और ब्रिटेन UK में आज तक एक भी नेता ने अपनी विचारधारा छोड़कर दल बदल नही किया जबकिं हमारे यहां तो 48 घण्टे में ही नेताओं की राजनीतिक विचारधारा बदल जाती है और वे दल ही बदल लेते है । सांसद ने कहाकि यह तरीका न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि लोकतंत्र के लिए भी बहुत ही दुःखद और चिंताजनक है और ऐसे लोगो को जनता द्वारा सबक सिखाकर लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए आगे आना चाहिए।
विजयपुर जाने के लिए ग्वालियर पहुंचे तन्खा ने कहा कि मैं संविधान की भावना से जुड़ा हुआ हूँ। डिफेक्शन को संविधान अप्रूव नही करता । मैं कुछ दिन पूर्व अमरीका USA गया था और यूके भी गया था जहां मेने वहां के सांसदों और वकीलों से बात की । मैने उनसे पूछा कि आप दल बदल करके दूसरे दल में जाकर चुनाव लड़ते है क्या ? तो उन्होंने बताया कि उनके सौ साल के इतिहास में न अमेरिका में न योरप में एक आदमी एक पार्टी छोड़ता है और दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ता है।
कांग्रेस सांसद ने कहाकि अगर प्रजातंत्र को मजबूत करना है । उसकी स्वच्छता को बरकरार रखना है तो प्रजातंत्र के मूल्यों को मान्यता देनी पड़ती है । कल तक आप एक आइडोलॉजी से कनेक्टेड थे और 48 घण्टे में आपकी आईडियोलॉजी बदल गई । तो पब्लिक को ये समझना पड़ेगा कि क्या हम इस तरह के व्यक्तित्व के साथ देश को प्रजातांत्रिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ा सकते है या नही ? महज 48 घण्टे बाद विचारधारा बदलकर दूसरी पार्टी से एमएलए बन जाना प्रजातान्त्रिक मूल्यों के हिसाब स्वीकार्य योग्य होना चाहिए या नही यह विचारणीय प्रश्न है। इसलिए यह उप चुनाव महत्वपूर्ण है