नई दिल्ली । भारत सरकार ने मणिपुर में हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय लांबा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। पूर्व आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर भी आयोग में हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा, 3 मई 2023 को मणिपुर राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी और हिंसा के परिणामस्वरूप राज्य के कई निवासियों ने अपनी जान गंवा दी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। आगजनी के परिणामस्वरूप उनके घरों और संपत्तियों को जला दिया गया और उनमें से कई बेघर हो गए। अधिसूचना में आगे कहा गया, मणिपुर सरकार ने 29 मई, 2023 को न्यायिक जांच आयोग की स्थापना के लिए सिफारिश की, जो जांच आयोग अधिनियम, 1952 के प्रावधानों के तहत 3 मई, 2023 को और उसके बाद की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारणों और संबंधित कारकों की जांच करे। मणिपुर सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार की राय है कि सार्वजनिक महत्व के एक निश्चित मामले अर्थात् मणिपुर में हिंसा की घटनाओं की जांच करने के उद्देश्य से जांच आयोग नियुक्त करना आवश्यक है।
जांच के ये होंगे बिंदु
विभिन्न समुदायों के सदस्यों को लक्षित करने वाली हिंसा और दंगों के कारण और प्रसार, जो 3 मई 2023 और उसके बाद मणिपुर राज्य में हुए थे। हिंसा से संबंधित घटनाओं और सभी तथ्यों में समानता, क्या किसी जिम्मेदार प्राधिकारी/व्यक्ति की ओर से इस संबंध में कोई चूक या कर्तव्य में लापरवाही बरती गई थी। हिंसा को रोकने और उससे निपटने के लिए किए गए प्रशासनिक उपायों की पर्याप्तता। ऐसे मामलों पर विचार करना जो जांच के दौरान प्रासंगिक पाए जा सकते हैं।