ग्वालियर। एक शासकीय स्कूल के प्रिंसिपल च को पदोन्नति देने के मामले में किये जा रहे बिलम्ब को लेकर दायर याचिका के सुनवाई में बुलाने पर भी व्यक्तिगत रूप से हाजिर न रहने के मामले को हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने की ग्वालियर बैंच ने मध्यप्रदेश लोकसंचालनालय की आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव और और जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार को जमानती वारंट से तलब कराने का आदेश पारित किया है।
ऐसे समझे मामला क्या है?
याची के एडवोकेट केके श्रीवास्तव ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग में पदस्थ राम किशोर शाक्यवार ने डेढ़ साल पहले हाईकोर्ट की शरण ली थी। उस समय मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने व्याख्याता पद से प्राचार्य पदों पर पदोन्नत करने की सूची जारी की थी । इसमे याची शाक्यवार का नाम भी था । लेकिन 2020- 2021 में विभाग ने जो सूची जारी की उसमे याची की वरिष्ठता को अनदेखा कर दिया गया।
याची ने लगाई अवमानना याचिका
शाक्यवार ने मई 2023 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने इसमे हाईकोर्ट को याची का अभ्यावेदन निराकृत करने का आदेश दिया। लेकिन जब जब सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन नही किया तो याची ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में अवमानना याचिका दायर की ।
कोर्ट ने जमानती वारंट पर किया तलब
हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने इस अवमानना याचिका पर 12 सितम्बर को सुनवाई करते हुए लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव और ग्वालियर के जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था लेकिन ये उपस्थित नही हुए तो हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोनो अफसरों को जमानती वारंट से तलब करने का आदेश पारित किया। अब इस मामले की सुनवाई 18 नवम्बर को होगी।