ग्वालियर । ग्वालियर के मुरार थाना इलाके में हुए बहुचर्चित बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 51 लाख रुपये ठगने के मामले में आरोपियों और फरियादी में समझौता होने से हाईकोर्ट ने 10 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी है और उनके खिलाफ एफआईआर निरस्त कर दी है। इस मामले के दो आरोपी फिलहाल जेल में है उनका फरियादी से समझौता नही हुआ है, जबकि मुख्य आरोपी कथित महिला सुनीता कुमारी अभी भी फरार है इसे पुलिस अब तक ट्रेस नहीं कर सकी है। न्यायालय ने माना कि शिक्षिका को धमकाने वाली महिला मुख्य आरोपी है बाकी आरोपियों से इस घटना से मोई सीधा संबंध नहीं है।
यह था घटनाक्रम
दरअसल इसी साल तेरह और 14 मार्च के बीच उपनगर मुरार के पॉश इलाका सीपी कॉलोनी में निवास करने वाली रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर को मुंबई की कथित पुलिस अधिकारी सुनीता कुमारी ने कॉल कर कहा कि उनके फोन से बच्चों के पोर्न वीडियो शेयर किया गया है। ठग महिला ने डिजिटल अरेस्ट कर उन्हें उसके दुरुपयोग को लेकर इतना डराया धमकाया कि घर में अकेली रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर बुरी तरह घबरा गई थी। उन्हें उनके मुंबई में रहने वाली बेटी और दामाद से भी संपर्क नहीं करने की हिदायत दी गई थी। सुनीता कुमारी ने मामला रफा दफा करने के एवज में शिक्षिका से पहले 46 लाख फिर 5 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कराए। बाद में जब आशा भटनागर का अपनी बेटी और दामाद से संपर्क हुआ तो पता चला कि उन्हें धमकाने वाली कथित सुनीता कुमारी न तो मुंबई पुलिस में है न ही उनके मोबाइल नंबर से बच्चों के पोर्न वीडियो और अवांछित गतिविधियां की गई हैं।
आरोपियों ने कोर्ट से बाहर कर लिया समझौता
शिकायत मिलने के बाद ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस में आशा भटनागर की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया था। लंबी जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने इस मामले में छत्तीसगढ़ जम्मू कश्मीर राजस्थान गुजरात से 10 आरोपियों को पकड़ लिया था। इनके अकाउंट में महिला शिक्षिका के पैसे ट्रांसफर हुए थे। इस बीच आरोपियों का फ़रियादी से कोर्ट से बाहर समझौता हो गया। इसके बाद दस आरोपियों में हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ में याचिका दर्ज कर कहा कि उनका समझौता हो चुका है लिहाजा उनके विरुद्ध दर्ज एफआईआर दर्ज की जाए। न्यायालय में सुनवाई के दौरान फरियादी महिला शिक्षिका ने कहा कि वह आरोपियों से अपने पूरे पैसे यानी 51 लाख रुपए प्राप्त कर चुकी हैं उनकी उम्र अब इस लायक नहीं है कि वह कोर्ट के चक्कर लगा सकें। आरोपियों से भी उन्हें कोई शिकायत नहीं है, इसलिए इस केस को खत्म कर दिया जाए।
दो आरोपी जेल में है
न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्याय उदाहरण को ध्यान में रखते हुए महिला आशा भटनागर के कथन और आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता आरोपियों के विरुद्ध दर्ज इस केस को निरस्त करने का आदेश दिया है। इस मामले में दो आरोपी फिलहाल ग्वालियर की सेंट्रल जेल में ही रहेंगे क्योंकि उन्होंने याचिका दर्ज नही की थी। जबकि सुनीता कुमारी का अब तक कोई पता नहीं है। क्राइम ब्रांच पुलिस उसकी तलाश कर रही है।