ग्वालियर नगर निगम ग्वालियर की महापौर डॉ शोभा सिकरवार ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और अफसरों के समक्ष एक अनूठा कदम उठाते हुए ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया कि सब अवाक रह गए. मेयर ने निगम प्रशासन से मिले अपने वाहन को वापस कर दिया है। उन्होंने नवनिर्वाचित प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सरकार द्वारा ग्वालियर नगर निगम का जरूरी फंड रोकने का आरोप भी लगाया है।
राज्य शासन के असहयोग से आर्थिक हालत बिगड़ी
उनका कहना है कि नगर निगम की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है। और शासन की तरफ से भी कोई सहयोग नहीं मिल रहा है, ध्यान रहे कि शोभा सिकरवार भाजपा के अभेद्य गढ़ को भेदकर 57 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए कांग्रेस की मेयर बनी है। माना जा रहा है कि इसी कारण से शासन द्वारा नगर निगम ग्वालियर का पैसा रोक दिया गया है हालांकि महापौर शोभा सिकरवार सीधे तौर पर यह कहने से बचती नजर आईं।
पैसे की कमी के चलते वेतन और टॉयलेट की सफाई तक अटकी
पिछले काफी महीनों से नगर निगम का रेवेन्यू लगातार घट रहा है जिसके चलते निगम कर्मचारियों की तनख्वाह समेत कई जरूरी काम अटक गए हैं वहीं निगम द्वारा महापुरुषों की प्रतिमा की साफ सफाई करने और टॉयलेट साफ करने वाली जेट मशीन को डीजल नहीं दिया जा रहा कचरे की गाड़ियाँ भी कम कर दी गई हैं जिसके बाद महापौर शोभा सिकरवार ने ये फैसला लेते हुए अन्य अधिकारियों से भी अपनी अपनी सुविधाओं का त्याग करने का आह्वान किया है, अब देखना यह होगा कि कितने अधिकारी या जनप्रतिनिधि अपनी सुविधाओं का त्याग कर पाते हैं या महापौर के इस अनुकरणीय प्रयास को हवा में उड़ा दिया जाता है।