जयपुर । राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कांग्रेस में गहलोत और पायलट खेमे के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि एक समय था जब अपने पिता के आदेश पर भगवान राम राजगद्दी छोड़कर वनवास चले गए थे। भरत को राजगद्दी पर बिठाने की भी तैयारी की गई, लेकिन उन्होंने भी त्याग की मिसाल पेश की थी। राजगद्दी पर राम की चरण पादुका रख उन्होंने राज किया, लेकिन खुद गद्दी से दूर रहे। देखिए आज दोनों कैसे गद्दी के लिए लड़ रहे हैं।
राजे ऋषिकेश में संत चिदानंद जी सरस्वती द्वारा आयोजित राम कथा में बोल रही थीं। पूर्व सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। उन्होंने कहा कि जब धर्म और राजनीति साथ-साथ चलते हैं तो राम राज्य का सपना साकार होता है। उन्होंने कहा कि ह्रदय में राम बसा लो। मन में राम नाम जप लो। फिर कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता, लेकिन राम जपते हुए किसी को छुरा मत मारो जैसा कि आजकल हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने चिदानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा चलाए जा रहे पर्यावरण और जल संरक्षण अभियानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि नदियों को जोड़ने के अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रयासों को साकार करने के लिए हमने मुख्यमंत्री के जल स्वावलंबन अभियान और योजना पर काम किया।