ग्वालियर। लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और डेढ़ हफ्ते पहले केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेने वाले राम निवास रावत को अभी मंत्रालय भी नही मिल पाया है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में बगावत शुरू हो गई है । भाजपा के दो पूर्व विधायकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और दोनो ने उप चुनाव में भाजपा से अपने लिए टिकिट की दावेदारी ठोकते हुए चेतावनी भी दी है कि अगर उन्हें टिकिट नही मिला तो वे पार्टी छोड़ देंगे। रावत 2022 में विजयपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीते थे लेकिन कुछ दिनों पहले उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था जिस पर जल्द ही उप चुनाव की घोषणा होनी है। इस बगावत से रावत की मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं।
उप चुनाव में टिकिट देने पर शुरू हुई कलह
कांग्रेस छोड़कर बीजेपी मे शामिल होकर मोहन सरकार मे मंत्री बने रामनिवास रावत को लेकर अब विजयपुर में भाजपा ने अंदरूनी कलह शुरू हो गई है। .श्योपुर मे बीजेपी के दो पूर्व विधायकों सीताराम आदिवासी और बाबूलाल मेवरा ने रावत के भाजपा मे शामिल होने पर खुली आपत्ति जताते हुए मंत्री रामनिवास रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । पार्टी मे बगबती तेवर दिखाना शुरू कर दिए है। बगावती तेवर दिखाने वाले विजयपुर से पूर्व विधायक रहे बाबूलाल मेवरा और सीताराम आदिवासी ने विजयपुर विधानसभा मे होने बाले उप चुनाव मे बीजेपी से टिकिट की दावेदारी की ताल ठोकते भाजपा की परेशानी बढा दी है। मे शामिल होने बाले कांग्रेस नेता रामनिवास रावत को विजयपुर से बीजेपी के टिकिट पर बाबू लाल मेवरा ओर सीताराम आदिवासी दोनों हरा भी चुके है। हालांकि रावत के हाथों ये दोनों भी पराजित हो चुके हैं।
क्या बोले सीताराम आदिवासी
विजयपुर विधानसभा से सहरिया समाज के भाजपा से पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी ने रावत को बीजेपी मे शामिल करने बाले संगठन से लेकर बड़े नेताओ पर निशाना साधते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश मे जब हमारी पार्टी की पूर्ण बहुमत से सरकार है लेकिन फिर भी बीजेपी को कांग्रेस से आने बाले बाले रामनिवास रावत की क्या जरुरत पड़ गई है उन्हें मंत्री बनाना पड़ गया ? जिस नेता के खिलाफ हम वर्षों से विजयपुर से चुनाव लड़ते थे आज उसी कांग्रेस नेता को बीजेपी का पूरा संगठन और मुख्यमंत्री मोहन यादव सिर माथे पर बैठ रहे है। पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी ने विजयपुर सीट पर होने बाले उपचुनाव मे बीजेपी से टिकिट की दावेदारी करते हुए कहा है की विजयपुर क्षेत्र में उनके सहरिया समाज के 60 से 70 हजार वोट है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर बीजेपी ने मुझे टिकिट नहीं दिया तो बीजेपी को अंजाम भी भुगतना होगा।
आदिवासी ने उपचुनाव मे बीजेपी से टिकिट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़ते हुए मंत्री रामनिवास रावत के खिलाफ चुनाव मे उतरने की धमकी भी दी है।
छह बार जीत चुके है रावत
गौरतलब है कि विजयपुर क्षेत्र में रावत का बड़ा जनाधार है। वे यहां से छह बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं । इस दौरान वे सीताराम आदिवासी और बाबूलाल मेवरा को भी कॉंग्रेस प्रत्याशी रहते चुनाव हरा चुके है । 2023 में उन्होंने मेवरा को हराया था लेकिन 2023 के लोकसभा चुनाव में कॉंग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली । उस समय मुरैना लोकसभा सीट पर कांग्रेस की जीत पक्की मानी जा रही थी लेकिन रावत के भाजपा में जाते ही पांसा पलट गया। यहां से भाजपा जीत गई क्योंकि श्योपुर जिले से भाजपा को अभूतपूर्व बढ़त मिली जिसका श्रेय राम निवास रावत को ही दिया जा रहा है।
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