लंदन । पश्चिमी देशों के सामने एक नया स्वास्थ्य संकट पैदा हो गया है। यूरोप में एक जानलेवा वायरस फैल रहा है जिसके मामले जल्द ही ब्रिटेन (Britain) में भी सामने आ सकते हैं। विशेषज्ञों ने इसकी चेतावनी दी है। सीसीएचएफ यानी क्रीमियन-कांगो (Crimean Congo) हेमोरेजिक फीवर के नए मामलों को लेकर स्वास्थ्य चेतावनी जारी की गई है। स्पेन में पहले ही इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। दावा किया जा रहा है कि वायरस अपने पैर पसार सकता है और इसके मामले ब्रिटेन में भी सामने आ सकते हैं।
यह बीमारी नैरोवायरस के कारण होती है जो टिक्स (किलनी) से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार इस वायरस की मृत्यु दर 10 से 40 प्रतिशत के बीच है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह बीमारी अपने मूल क्षेत्रों से बाहर फैल सकती है क्योंकि यह आमतौर पर अफ्रीका, बाल्कन, मिडिल ईस्ट और एशिया में पाई जाती है। अब जलवायु परिवर्तन के कारण यह ब्रिटेन, स्पेन और फ्रांस की ओर बढ़ रही है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पशु चिकित्सा के प्रमुख जेम्स वुड ने कहा कि सीसीएचएफ टिक्स के माध्यम से ब्रिटेन तक अपना रास्ता बना सकती है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि सीसीएचएफ उसकी नौ प्राथमिकता वाली बीमारियों में से एक है, एक ऐसी प्रणाली जो सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करती है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि इसके लक्षण अचानक सामने आते हैं जिसमें बुखार, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना, गर्दन में दर्द, पीठ दर्द, सिरदर्द, आंखों में दर्द और फोटोफोबिया शामिल है।
इस बीमारी में शुरुआत में मतली, उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और गले में खराश भी हो सकती है और भ्रम की स्थिति भी हो सकती है। दो से चार दिनों के बाद अवसाद और आलस्य आ सकता है। अन्य लक्षणों में टैचीकार्डिया यानी तेज हृदय गति, लिम्फैडेनोपैथी यानी बढ़े हुए लिम्फ नोड्स भी सामने आ सकते हैं। गंभीर रूप से बीमार मरीजों में बीमारी के पांचवें दिन के बाद तेजी से किडनी खराब होने या अचानक लीवर फेल होने का अनुभव हो सकता है।